मिलावटखोरी के मामले में रासुका की कार्रवाई को HC ने बताया गलत, कलेक्टर पर लगाया जुर्माना
ग्वालियर: हाई कोर्ट ने गुना जिले के एक मिलावटखोरी के मामले में सुनवाई करते हुए रासुका की कार्रवाई को गलत बताया है. कोर्ट ने रासुका की कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए कलेक्टर पर जुर्माना भी लगाया है.
दरअसल, 28 जुलाई 2019 को गुना के जगदीश कॉलोनी में संचालित ममता डेयरी पर खाद्य विभाग और प्रशासन ने छापेमार कार्रवाई की थी. यहां से 500 लीटर से ज्यादा मिलावटी दूध मिला था. टीम ने डेयरी से दूध, दही, घी, पनीर, मक्खन आदि के सेंपल लिए थे. नमूने की जांच में यूरिया डिटर्जेंट और जहरीले रसायन की मिलावट होना पाया गया था. इस मामले में प्रेम नारायण ग्वाल को आरोपी बनाया था. जिसके बाद गुना कलेक्टर ने इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की थी.
कलेक्टर ने अपने आदेश में कहा था कि इस तरह की मिलावट से मानव जीवन को गंभीर खतरा है और जनहानि भी हो सकती है. ऐसे व्यक्ति को स्वतंत्र रूप से विचरण करना लोक व्यवस्था को बनाए रखने के प्रतिकूल है, लिहाजा डेयरी संचालक प्रेम नारायण ग्वाल को तत्काल गिरफ्तार कर केंद्रीय जेल ग्वालियर भेजा जाए.
गिरफ्तारी के बाद प्रेम नारायण की तरफ से जमानत के लिए याचिका दाखिल की गई थी. जिस पर हाई कोर्ट ने पाया कि गुना कलेक्टर द्वारा प्रेम नारायण के खिलाफ की गई रासुका की कार्रवाई गलत है. हाई कोर्ट ने कार्रवाई को मानवाधिकार के खिलाफ मानते हुए कड़ी निंदा की और गुना कलेक्टर पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया.