दिल्ली

पाकिस्तान से आए हिंदू समुदाय के लोगों ने कहा- हम मर जाएंगे लेकिन दोबारा नर्क में नहीं जाएंगे

नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा संसद में नागरिकता संशोधन कानून के पास कराने के बाद बड़े पैमाने पर हिंदू और सिख समुदाय के लोग भारत में आना शुरू हो गए हैं. पिछले एक हफ्ते में 1000 से ज्यादा लोग पाकिस्तान से भारत आ चुके हैं. सोमवार को पंजाब के अमृतसर में स्थित वाघा-अटारी बॉर्डर (भारत-पाक सीमा) को पार करके 50 हिंदू परिवार भारत आए. इन लोगों ने 25 दिन का वीजा लिया है. इन हिंदू परिवारों ने हरिद्वार जाने की इच्छा जताई है. बता दें कि ये सभी पाकिस्तानी हिंदू नागरिक टूरिस्ट वीजा पर भारत आए हैं. नियमों के मुताबिक, 25 दिन की तय सीमा समाप्त होने के बाद इन्हें पाकिस्तान लौटना होगा.

हालांकि, ये परिवार वापस पाकिस्तान नहीं जाना चाहते हैं. इसी जत्थे में आए लोगों ने कहा, पाकिस्तान में नर्क जैसी जिंदगी भोग रहे हैं, हम मर जाएंगे लेकिन दोबारा नर्क में नहीं जाएंगे. वहीं दूसरी तरफ अकाली नेता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक ट्वीट करके बताया कि पाकिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न की वजह से 4 हिंदू परिवार भारत आया है. उन्होंने कहा कि वह मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे और उनसे भारतीय नागरिकता प्रदान करने का अनुरोध करेंगे. हाल ही में पाकिस्तान के 200 हिंदू परिवार टूरिस्ट वीजा लेकर भारत आए थे. सूत्रों का कहना है कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि यह लोग भारत में बसने के लिए आए हैं, लेकिन इसकी आशंका जरूर है कि ये अपने वीजा की मियाद के आगे भी भारत में रह जाएं और नागरिकता के लिए अप्लाई करें. हालांकि, जिस तरह पाकिस्तान से आए इन परिवारों ने अपने भारी-भरकम बैगेज के साथ भारत में प्रवेश किया है, उससे यह माना जा रहा है कि यह सिर्फ कुछ दिनों की यात्रा पर भारत नहीं आए हैं.

सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून के तहत सिटिजनशिप देने के लिए 31 दिसंबर 2014 के पहले भारत आने वालों को ही योग्य बताया है. लेकिन इसके बावजूद भी पाकिस्तान में रहने वाले करीब 200 हिंदू परिवार अब तक वाघा सीमा के जरिए टूरिस्ट वीजा पर भारत आ चुके हैं.