सुंदर पिचाई: IIT में C Grade, गूगल से लेकर Alphabet के CEO बनने की कहानी
IIT Kharagpur में एक बार सुंदर पिचाई को C Grade मिला था. अब सुंदर पिचाई ने एक बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है. अब वो सिर्फ गूगल ही नहीं, बल्कि गूगल की पेरेंट कंपनी Alphabet के भी CEO होंगे.
- सुंदर पिचाई ने गूगल के कई अहम प्रोडक्ट्स को लीड किया है.
- सुंदर पिचाई को अब Alphabet की जिम्मेदारी दी गई है.
सुंदर पिचाई का कद अब और बढ़ गया है. अब तक वो गूगल के सीईओ थे, लेकिन नए ऐलान के बाद सुंदर पिचाई Alphabet के भी सीईओ होंगे. गौरतलब है कि Google की पैरेंट कंपनी Alphabet है जिसके अंतर्गत गूगल के सभी प्रोडक्ट्स और सर्विस हैं.
Google के दोनों फाउंडर्स Sergey Brin और Larry Page अब अपना पद छोड़ रहे हैं. हालांकि ये दोनों को-फाउंडर्स और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के तौर पर कंपनी के साथ बने रहेंगे. यहां महत्वपूर्ण ये है कि अब सुंदर पिचाई के पास कई नई जिम्मेदारी होगी.
Larry Page ने Alphabet के सीईओ के पद से रिजाइन कर दिया, जबकि Sergey Brin ने Alphabet के प्रेसिडेंट का पद छोड़ दिया है.
15 साल से गूगल के साथ सुंदर…
15 साल तक गूगल में काम करने के बाद अब सुंदर पिचाई अपने वर्ज पर हैं.
सुंदर पिचाई 47 साल के हैं और 2015 से गूगल के सीईओ थे. उन्होंने 2004 में गूगल ज्वाइन किया था. पिचाई मदुरई के एक मिडिल क्लास फैमिलि में पैदा हुए थे. उन्होंने इंजीनियरिंग आईआईटी खड़गपुर से पूरी की है. एक बार उन्होंने बताया था कि उन्होंने IIT Kharagpur के पेपर्स में C ग्रेड मिला था.
10 अगस्त 2015 को सुंदर पिचाई को Google का CEO बनाया गया. इससे पहले उन्हें गूगल के हेड लैरी पेज ने प्रोडक्ट चीफ बनाया था.
Google के कई प्रोडक्ट्स में अहम रोल अदा किया…
सुंदर पिचाई के साथ एक खास बात ये रही है कि उन्होंने Google के लगभग हर बड़े प्रोडक्ट्स के लिए काम किया है और उनके रहते उन सभी प्रोडक्ट्स ने काफी तरक्की की है. जीमेल, गूगल क्रोम, गूगल ड्राइव और क्रोम ओएस तक में उन्होंने काम किया है.
शुरुआत में गूगल ज्वाइन करते ही कंपनी ने प्रोडक्ट मैनेजमेंट और इनोवेशन पर काम करना शुरू किया. इसके बाद उन्होंने गूगल क्रोम, क्रोम ओएस और गूगल ड्राइव में उन्होंने अहम रोल प्ले किया. इसके बाद उन्होंने जीमेल और गूगल मैप्स के डेवेलपमेंट में भी काम किया. 2013 में पिचाई को Android में भी अहम रोल दिया गया.
सोने से पहले बेड के पास पानी को बॉटल रखान नहीं भूलते…
सुंदर पिचाई अब भी सोने से पहले अपने बेड के पास पानी की बॉटल रखना कभी नहीं भूलते हैं. इसकी वजह उन्होंने एक इंटरव्यू मे बताया था.
न्यू यॉर्क टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में एक बार सुंदर पिचाई ने कहा था, ‘मेरी जिंदगी साधारण थी जो अब की दुनिया के मुकाबले बेहतर थी. हम एक तरह के मामूली घर में रहते थे और इसे हमने किरायदारों के साथ साझा कर रखा था. हम लिविंग रूम के फर्श पर सोते थे. जब मैं बड़ा हो रहा था तब हमें सूखे कि चिंता थी, क्योंकि तब सूखा पड़ा था. अब भी मैं अपने बेड के पास पानी की बॉटल रखे बिना नहीं सोता हूं.’
सुंदर पिचाई ने इसी इंटरव्यू में ये भी कहा था कि दूसरे घरों में रेफ्रिजरेटर थे, एक दिन हमारे घर में भी रेफ्रिजरेटर आया जो मेरे लिए बड़ी बात थी.
आईआईटी खड़गपुर में एक बार C Grade मिला…
चूंकि सुंदर पिचाई साउथ इंडियन थे, इसलिए हिंदी में उन्हें समस्या था. आईआईटी खड़गपुर में दाखिले के बाद उन्होंने कॉलेज के कई टेस्ट में टॉप किया,लेकिन एक बार उन्हें पेपर्स में C Grade भी मिले. IIT Kharagpur से पढ़ाई पूरी करने के बाद सुंदर पिचाई आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए.
पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने McKinsey & Companies ज्वाइन किया और फिर 2004 में उन्होंने गूगल ज्वाइन किया.
आईआईटी खड़गपुर में आकर बताईं पर्सनल बातें..
न्यू यॉर्क टाइम्स को दिए इंटरव्यू में उन्होंने अपने बचपन के बारे में बात करते हुए कहा कि उन्हें किताबें पढ़ने का शौक था. 2017 में पिचाई IIT Kharagpur आए थे जहां उन्होंने स्टूडेंट्स से बातचीत की थी.
इस दौरान उन्होंने कई बातें शेयर की थीं. उन्होंने कहा था, ‘जब मैं खड़गपुर पहली बार आया मुझे लगा कि यहां ‘अबे साले’ बोल कर ही लोग एक दूसरे को बुलाते हैं. एक बार मैंने भी मेस में ‘अबे साले’ चिल्ला दिया और इस वजह से कुछ दिनों के लिए मेस बंद रहा’
IIT Kharagpur में ही वो अंजली से मिले और बाद में उनसे शादी कर ली. उन्होंने कहा था, ‘जब भी में अपने दोस्तों को उसे यानी अंजली को बुलाने को कहता था, वो जोर से आवाज लगाते थे, अंजली, सुंदर तुम्हारे लिए यहां आया है’
Alphabet का सीईओ बनाए जाने के बाद सुंदर पिचाई ने Google के को-फाउंडर्स – Larry Page और Sergey Brin का शुक्रिया अदा किया है और कहा है कि वो इस नए ट्रांजिशन से उत्साहित हैं.