अयोध्या मामला: बाबरी पक्षकारों को लेकर वसीम रिजवी बोले, ‘हिंदुओं से माफी मांगें और…’
(देवराज सिंह चौहान) लखनऊ: शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अयोध्या मामले (Ayodhya Case) को लेकर चल रही सुनवाई में बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) के पक्षकारों पर निशाना साधा है. वसीम रिजवी ने बुधवार को कहा कि बाबरी पक्षकारों का कहना गलत है कि भगवान राम अयोध्या में राम चबूतरे (Ram Chabutra) पर पैदा हुए. रिजवी ने कहा कि भगवान राम को भगवान विष्णु के सातवें अवतार मानते हैं. उनका जन्म त्रेता युग में लगभग 12 लाख साल पहले अयोध्या (Ayodhya) में उसी जगह हुआ था, जहां पर सौ साल पहले एक मस्जिद रूपी इमारत बनाई गई.
वसीम रिजवी ने कहा कि हजरत ईसा से भी हजारों साल पहले जन्म लेने वाले भगवान राम दुनिया को बनाने वाली शक्ति ईश्वर, अल्लाह, गॉड के भेजे हुए अवतारों में से एक हैं. उन्होंने कहा कि मुगल शासक बाबर के हुक्म पर मीरबांकी ने मंदिरों को तोड़कर त्रेता युग में पैदा हुए विष्णु के 7वें अवतार भगवान राम को और उनके मानने वालों को जानबूझकर अपमानित किया था. रिजवी ने कहा कि हिंदुओं को चिढ़ाने के लिए ताकत के बल पर एक मस्जिद का निर्माण कराया गया. वसीम रिजवी ने कहा कि यह अनजान जालिम यह नहीं समझते थे कि 1400 साल पहले आए मजहब को तलवार की नोंक पर फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.उन्होंने कहा कि भगवान राम अपने धर्म और दुनिया में आए दूसरे सभी मजहबों को लाने वाले महापुरुषों के पूर्वज थे. बता दें कि उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में इसी तथ्यों पर आधारित अपना पक्ष रख रहा है. उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड का मानना है कि बाबरी पैरोंकारों को मुकदमा हारने के बाद हिन्दू समाज से मांफी मांगनी चाहिए.