स्कूलों में खाने के इंतजार में तरसते बच्चे
रतलाम:(देवराज सिंह चौहान) रतलाम में शासकीय स्कूलों में वैसे तो मिड-डे मील में ताजी व पौष्टिक सब्जियों के लिए किचन गार्डन की कवायद की जा रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. हालात इतने बदतर हैं कि शासकीय स्कूलों में मिड-डे मील पहुंच ही नहीं रहा है और जिन स्कूलों में भोजन पहुंच रहा है वह खाने लायक नहीं है. वहीं कुछ स्कूलों में मध्यान भोजन बनाने वाले समूह को दी जाने वाली राशि कम होने से ये समूह ही बंद हो गए हैं. ऐसे में रतलाम में मध्यान भोजन में पौष्टिक ताजी सब्जियों के लिए किचन गार्डन की कवायद की जा रही है.
मध्यान भोजन के इंतजार में कई बार बच्चे काफी देर भूखे तिलमिलाते हैं और कई बार खाना नहीं आने पर बच्चे भूखे घर चले जाते हैं.ऐसे मे किचन गार्डन की कवायद मात्र खयाली पुलाव से कम नहीं है.
मध्यान भोजन के लिए स्कूल में बनेगा किचन गार्डन
दरअसल रतलाम के शासकीय स्कूलों में मिलने वाले मध्यान भोजन के लिए अब स्कूलों में किचन गार्डन बनाये जाने की कवायद की जा रही है. जिला पंचायत सीईओ किचन गार्डन की शुरुआत करने लिए शासन को जमीन व इसके संचालन के लिए राशि की अनुमति के लिए पत्र भी लिख चुके हैं. इसके लिए 53 स्कूलों को चिनिहित किया गया है.
मध्यान भोजन के लिए ताजी सब्जियां इस किचन गार्डन में ही उगाई जाएंगी और इन सब्जियों को उगाने का काम भी मध्यान भोजन बनाने वाला समूह ही करेगा. यानी स्कूल किचन गार्डन से ताजी पौष्टिक सब्जियां अब सीधे मध्यान भोजन में बच्चो को मिल सकेगी. हालांकि अभी सब्जियां उगाने के लिए स्कूल की जमीन की आवश्यकता होगी, वहीं इस किचन गार्डन में सब्जियां उगाने के लिये राशि की भी आवश्यकता होगी. इन दोनों की अनुमति के लिए जिला पंचायत सीईओ ने शासन को पत्र लिखा है.