मालवा मेवाड़ के खेतों में लहलहा रहा काला सोना, किसानों के चेहरे खिले
नीमच: (देवराज सिंह चौहान) मालवा मेवाड़ की पसंदीदा फसल अफीम मानी जाती है, जिसे ‘काला सोना’ भी कहा जाता है. अब इस अफीम की फसल पर खेतों में फुल लहलहाने लगे हैं. जिसके बाद किसानों में खुशी की लहर साफ देखी जा सकती है.
दरअसल मध्यप्रदेश के मालवा मेवाड़ में अफीम को काली देवी का रूप तो माना जाता ही है ओर इसे पूजा भी जाता है, साथ ही इसे काला सोना भी कहा जाता है. वर्तमान समय में मालवा क्षेत्र के किसान के लिए जो बहुमूल्य फसल है वो अफीम की फसल है. यह अफीम किसानों को अच्छा पैसा तो दिलाती ही है, साथ ही कहा जाता है कि अफीम की फसल किसान समाज रुतबा भी बढ़ाती हैं.
यहां मान्यता है कि भले ही यहां पगडि़यों के जमाने लद गए हों मगर यहां जिसकी अफीम की फसल होती है उसकी किसान समाज में एक अलग ही पहचान और अपना एक अलग ही रुतबा होता है.
दरअसल अफीम के फूल के साथ उनमें अब छोटे-छोटे डोडे भी आने लगे हैं इसको लेकर भी किसान चिंतित हो गए हैं. उन्हें दिन रात इस अफीम की फसल की निगरानी करना पड़ रही है क्योंकि अफीम की फसल का लाइसेंस केंद्र सरकार के द्वारा दिया जाता है. अफीम की फसल पूरी तरह से पक जाने के बाद नारकोटिक्स विभाग को अफीम जमा करानी होती है. बता दें कि पूर्व में जिले में अफीम डोडा चोरी की कई वारदातें हो चुकी है जिसके चलते इसको लेकर किसानों की चिंता बढ़ गई है