कृष्णमोहन झा

मप्र की तरक्की की राह पर हौले हौले बढते कमलनाथ के कदम।……. कृष्णमोहन झा/

मध्य प्रदेश में लगभग 10 माह पूर्व में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद जब मुख्यमंत्री पद की बागडोर पूर्व केंद्रीय उद्योग मंत्री कमलनाथ के हाथों में आई थी, तब से ही या संभावना व्यक्त की जा रही थी कि जिस तरह पूर्व शिवराज सरकार ने राज्य में अधिकाधिक निवेश के लिए उद्योगपतियों का भरोसा जीतने की मंशा से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट जैसे अनेक भव्य आयोजन किए थे, वैसे ही आयोजन कमलनाथ सरकार भी अवश्य करेगी। कमलनाथ सरकार ने गत 18 अक्टूबर को मध्य प्रदेश की औद्योगिक राजधानी इंदौर में मैग्नीफिसेंट मध्य प्रदेश के आयोजन के जरिए राज्य की जनता को संदेश दे दिया है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तरह वे भी  राज्य के द्रुतगामी उद्योगिक विकास के लिए कृतसंकल्प है।
 यह आयोजन भी अपने आप में अनूठा था,जिसे किसी भी तरह से पूर्व की ग्लोबल इन्वेस्टर्स से कम नहीं आंका जा सकता। कमलनाथ सरकार ने मैग्नीफिसेंट मध्यप्रदेश को पहले से भी अधिक भव्यता प्रदान करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। सरकार ने यह सुनिश्चित करने की हर संभव कोशिश की कि विपक्ष द्वारा इसमें कोई कमी निकालने की गुंजाइस न रहे। इस भव्य आयोजन की सफलता ने साबित भी कर दिया है कि सरकार के नेक इरादों के प्रति आयोजन में पधारे 800 से अधिक उद्योगपति अपने मन में कहीं कोई संशय का भाव लेकर नहीं लौटे। अगर सरकार उद्योगपतियों को यह भरोसा दिलाने में सफल रही कि मध्य प्रदेश के उद्योग विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करना उनके लिए फायदे का सौदा साबित होगा तो, इसका श्रेय निश्चित रूप से मुख्यमंत्री कमलनाथ कोई दिया जाना चाहिए, जिन्होंने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए आवश्यक कार्य योजना पहले ही अपने मन में तैयार कर रखी थी।
 मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं वर्तमान मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच  चल रहे शीत युद्ध की छाया से यह आयोजन पूरी तरह मुक्त रहा है तो इसके लिए दोनों नेताओं को की प्रशंसा की जानी चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आयोजन में पधारे उद्योगपतियों से यह अपील करके मुख्यमंत्री कमलनाथ का दिल भी जीत लिया होगा कि निवेश के लिए यहां अनुकूल वातावरण है। इसलिए उन्हें मध्य प्रदेश में नए उद्योग स्थापित करने के लिए आगे आना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री के इस कदम से असहमति की कोई गुंजाइश ही नहीं  है। मध्य प्रदेश देश का ऐसा राज्य है जहां पूर्ण औद्योगिक शांति है तथा जहां बिजली ,पानी एवं जमीन की पर्याप्त उपलब्धता है। पूर्व मुख्यमंत्री ने राजनीति से परे हटकर उद्योगपतियों से मध्यप्रदेश में निवेश के लिए जो मार्मिक अपील की , उसने निश्चित रूप से कार्यक्रम में आमंत्रित अतिथियों को प्रभावित किया होगा। शीर्ष उद्योगपतियों के मन में यह धारणा विकसित करने में शिवराज सिंह चौहान सफल रहे हैं कि मध्य प्रदेश देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां औद्योगिक विकास के मार्ग में दलगत राजनीति आड़े नहीं आती है। मुख्यमंत्री कमलनाथ भी शिवराज की सराहना मन ही मन कर रहे होंगे। इसमें भी संदेश नहीं है की राज्य को औद्योगिक विकास की राह पर आगे बढ़ाने में पूर्व शिवराज सरकार द्वारा आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट ने अहम भूमिका निभाई है। पूर्व मुख्यमंत्री ने ऐसे आयोजनों का सिलसिला निरंतर जारी रहने की जो आवश्यकता जताई है ,उसे राज्य के औद्योगिक विकास में सरकार के साथ उनके रचनात्मक सहयोग की पेशकश के रूप में देखा जाना चाहिए।
इस आयोजन में  मुख्यमंत्री कमलनाथ की भूमिका सबसे अहम इसलिए साबित हुई ,क्योंकि केंद्र की पूर्ववति मनमोहन सरकार में उद्योगमंत्री के रूप में  में कार्य करने का उनके पास अच्छा खासा अनुभव है। इस नाते शीर्ष उद्योगपतियों से उनके सौहार्दपूर्ण संबंधों की इस आयोजन की सफलता में विशिष्ट भूमिका रही। सीआईआई के प्रेसिडेंट विक्रम किर्लोस्कर ने मुख्यमंत्री कमलनाथ की सराहना करते हुए जब यह कहा कि मैं मुख्यमंत्री कमलनाथ की दूरदर्शी लीडरशिप की सराहना करता हूं और मध्य प्रदेश के उद्योग विकास को आगे बढ़ाने के उनके सतत प्रयासों का प्रशंसक हूं तो इस संभावनाओं को बल मिल गया की मैग्नीफिसेंट मध्य प्रदेश कि आयोजन की सफलता में संदेह की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने उद्योग जगत से इस अवसर का लाभ उठाने की अपील करके यह संदेश दिया कि मध्यप्रदेश के  औद्योगिक विकास के लिए कृतसंकल्प कमलनाथ सरकार में प्रदेश में निवेश के लिए बेहतर अवसर उपलब्ध कराने की इच्छा शक्ति एवं सामर्थ्य मौजूद है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में आमंत्रित निवेशकों से उनके विचारो को जानकर यह जिज्ञासा भी प्रदर्शित की निवेश के लिए सरकार से उनकी क्या अपेक्षाएं हैं। मुख्यमंत्री उन्हें यह भरोसा दिलाने में सफल भी रहे  है कि निवेशकों को सरकार के प्रति विश्वास कभी कमजोर नहीं पड़ने देंगे।
 वर्तमान सरकार का यह निवेशक सम्मेलन पिछली शिवराज सरकार के द्वारा आयोजित निवेशक सम्मेलनों से कुछ अलग हटकर दिखाई दे ,इसकी भी पूरी सावधानी कमलनाथ सरकार ने की। सरकार ने पूरे आयोजन से यह संदेश देना चाहा कि मैग्नीफिसेंट मध्यप्रदेश के आयोजन में केवल उन्हीं उद्योगपतियों को आमंत्रित किया है, जो मध्यप्रदेश में निवेश करने के वादे से पीछे नहीं हटेंगे। कमलनाथ सरकार के मुख्य सचिव ने आयोजन के एक दिन पूर्व इंदौर में संवाददाताओं से चर्चा में कहा था कि आयोजन में सरकार की उद्योगपतियों के साथ केवल एमओयू करने में रुचि नहीं है।सरकार एमओयू की संख्या बढ़ाने के बदले उद्योगपतियों से जल्द से जल्द यहां अपनी औद्योगिक इकाइयां शुरू करने के लिए प्रेरित करेगी और इसके लिए उन्हें हर तरह से सहयोग प्रदान करने के लिए सरकार हमेशा तत्पर रहेगी।  मुख्यमंत्री कमलनाथ  ने पहले यह स्पष्ट कर दिया था कि यह आयोजन दिखावे के लिए नहीं हो रहा है, इसलिए सरकार ने हर औद्योगिक समूह से नंबर एक और नंबर दो की हैसियत रखने वाले प्रतिनिधियों को ही आमंत्रित किया है ,ताकि वह आयोजन के दौरान ही यहां निवेश करने के बारे में फैसला ले सके। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पहले ही कह दिया कि वह पिछली  सरकार द्वारा आयोजित निवेशक सम्मेलनों के बारे में कोई आलोचनात्मक टिप्पणी करने के पक्ष में नहीं है। सबका काम करने का अपना तरीका होता है।मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी पांच साल की कार्य योजना उनकी सरकार ने तैयार कर ली है और उसे मूर्त रूप देने के लिए कृत संकल्पित है। हालांकि सरकार अपने उद्देश्य में कितनी सफल रही यह जनता के सर्टिफिकेट से तय होगा।
 मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस आयोजन में अपने विचारों को प्रभावी ढंग से उद्योगपतियों के सामने रखते हुए दो टूक कहा कि उद्योगों को स्थानीय स्तर पर लोगो को 70 फीसदी रोजगार उपलब्ध कराने की शर्त का पालन करना ही होगा। मुख्यमंत्री ने औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए स्थानीय लोगों को प्रेरित करने के लिए यह घोषणा भी की कि जिनके पास जमीन है और वह उस पर उद्योग लगाने के इच्छुक है तो उसे स्वीकृति की औपचारिकता के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। स्व घोषणा को अनुमति के रूप में मान्यता दी जाएगी, लेकिन 3 साल के आकलन में स्व घोषणा में खामी पाई गई तो सरकार ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई से नहीं हिचकेगी। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि देश में आर्थिक मंदी हो सकती है ,परंतु मध्यप्रदेश में आर्थिक मंदी नहीं है। यहां ऑटो सेक्टर ने 4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है। यह राज्य में निवेश करने के लिए शुभ संकेत है। कई मायनों में मैग्नीफिसेंट मध्यप्रदेश की थीम ग्लोबल इन्वेस्टर सम्मिट से अलग दिखाने में कमलनाथ सरकार सफल रही है।इस आयोजन की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि पूरे आयोजन को 8 सत्रों में बांटा गया था, जिसकी कमान भी उद्योगपतियों के हाथों में ही सौंपी गई थी। उद्योगपतियों के हाथों कमान रहने से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि यह सम्मेलन कमलनाथ सरकार का नहीं बल्कि देश के बड़े औद्योगिक घरानों द्वारा आयोजित किया गया है। उन्हें उन्हें इस आयोजन में अपने विचारों को खुलकर प्रस्तुत करने की पूरी स्वतंत्रता थी। निवेशक ही पूरे आयोजन के फोकस में रहे। रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन और देश के अग्रणी उद्योगपति मुकेश अंबानी स्वयं तो इस आयोजन में उपस्थित नहीं हो सके, परंतु अपने वीडियो संदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को एक विजनरी नेतृत्व मिला है। प्रदेश में प्रो बिजनेस एवं प्रो ग्रोथ पालिसी है, जिससे इस प्रदेश का चौतरफा विकास होगा। मुकेश अंबानी ने प्रदेश में चार पांच जगहों पर लॉजिस्टिक सेंटर बनाने की घोषणा भी की। मैग्नीफिसेंट मध्यप्रदेश के आयोजन में शामिल हुए 900 से अधिक उद्योगपतियों को मुख्यमंत्री कमलनाथ यह भरोसा दिलाने में सफल रहे कि वे इस प्रदेश में निवेश करने के लिए सरकार से जो सुविधाएं चाहेंगे, वे सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने में सरकार पीछे नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश इमर्जिंग इकोनामी टाइगर है और सरकार को पूरा भरोसा है कि आगामी तीन सालों में इमर्जिंग शब्द हटाने में वह सफल होगी। कमलनाथ सरकार के इस महत्वाकांक्षी आयोजन की सफलता को देखकर यह उम्मीद की जा सकती है कि शिवराज सरकार ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की जो श्रंखला प्रारंभ कर राज्य के औद्योगिक विकास के महत्व के सफर की शुरुआत की थी ,उसे गति प्रदान करने में कमलनाथ सरकार सफल होगी। इससे मुख्यमंत्री का यह कथन सत्य होता है कि सबके काम करने का अपना तरीका होता है। पूर्व शिवराज सरकार और वर्तमान सरकार दोनों का लक्ष्य तो एक ही है और वह है मध्यप्रदेश का चौमुखी आर्थिक विकास।।  (लेखक IFWJ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और डिज़ियाना मीडिया समूह के राजनैतिक संपादक है)