भोपाल

CM कमलनाथ कल करेंगे भोपाल में मेट्रो परियोजना का शिलान्यास, शुरू हुई सियासत

(देवराज सिंह चौहान) भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) कल (26 सितंबर) को भोपाल में मेट्रो का शिलान्यास करेंगे. इसी के साथ मेट्रो पर सियासत भी शुरू हो गई है और इस योजना का श्रेय लेने की होड़ मच गई है. वरिष्ठ बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मेरी सरकार के कार्यकाल में भोपाल, इंदौर मेट्रो की सभी फार्मेलिटी पूरी हो चुकी थीं. केवल शिलान्यास करना बाकी था. उन्होंने कहा कि मैं श्रेय की राजनीति नही करता. कमलनाथ शिलान्यास करें लेकिन कम से कम ये ना कहें कि 9 महीने में ही सब कुछ हो गया.

वहीं, शिवराज के बयान पर प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्द्धन सिंह ने जी मीडिया से खास बातचीत में कहा कि तय समय पर मेट्रो प्रोजेक्ट पूरा होगा. भोपाल की जनता को बड़ी सौगात मिलेगी. जयवर्द्धन सिंह ने कहा कि 11 साल पहले सीएम कमलनाथ ने केंद्रीय मंत्री रहते हुए मेट्रो की डीपीआर की स्वीकृति दी थी. अब वे मुख्यमंत्री हैं और 26 सितंबर को इसका शिलान्यास करेंगे. जयवर्द्धन सिंह ने भोपाल के एमपी नगर में कल होने वाले शिलान्यास समारोह की तैयारियों का जायजा लिया. इस दौरान नगर निगम के अधिकारी, जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे.भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट
सीएम कमलनाथ करेंगे भूमि पूजन.
एमपी नगर जोन 1 में गायत्री मंदिर के पास होगा भूमिपूजन कार्यक्रम.
भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब 6,941 करोड़ 40 लाख रुपये होगी.
मेट्रो ट्रेन के लिए सॉइल और डिजाइन टेस्टिंग का काम पूरा.
करोंद से एम्स और भदभदा से रत्नागिरी के रूट पर मेट्रो की तैयारी.
सीएम कमल नाथ ने दिए हैं मंडीदीप और एयरपोर्ट को भी जोड़ने के निर्देश.
भोपाल में तीन कोच की ट्रेन ही रहेगी.
हर स्टेशन की डिजाइन कैंटिलिवर स्टाइल में होगी. हर स्टेशन सिर्फ एक पिलर पर टिका रहेगा.
स्टेशन पर यात्रियों के लिए लिफ्ट, एस्केलेटर और सीढ़ियां होंगी. टिकट काउंटर से होकर वे सीधे प्लेटफॉर्म तक जा सकेंगे.
मध्य प्रदेश सरकार भोपाल में साल 2023 तक मेट्रो सेवा शुरू करने की तैयारी में.
भोपाल मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में 27.87 किलोमीटर में दो कॉरिडोर बनाए जाएंगे.
एक कॉरिडोर करोंद सर्कल से एम्स तक जाएगा. इस कॉरिडोर की लंबाई 14.99 किलोमीटर होगी.
दूसरा कॉरिडोर भदभदा चौराहे से रत्नागिरि चौराहा तक जाएगा, जो करीब 12.88 किलोमीटर लंबा होगा.
भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन द्वारा किया जाएगा.
यह भारत सरकार और मध्य प्रदेश सरकार की 50-50 हिस्सेदारी वाली ज्वाइंट वेंचर कंपनी होगी.
कंपनी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) के रूप में कार्य करेगी.
कंपनी का एक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स होगा, जिसमें 10 डायरेक्टर होंगे. भारत सरकार बोर्ड के चेयरमेन सहित 5 डायरेक्टर नामित करेगी, जबकि प्रदेश सरकार मैनेजिंग डायरेक्टर सहित 5 डायरेक्टर नामित करेगी.