देश हरियाणा

ट्रिपल तलाक की धाराओं के तहत पहला केस दर्ज

(देवराज सिंह चौहान) नूंहः केंद्र सरकार ने भले ही दोनों सदनों से ट्रिपल तलाक बिल पेश कराने में सफलता प्राप्त कर ली हो और राष्ट्रपति ने इस पर अपनी मुहर लगा दी हो लेकिन बिल पास होने के चंद घंटे के बाद ही हरियाणा के मुस्लिम बाहुल्य जिला नूंह से ट्रिपल तलाक का केस सामने आया है. पीड़िता ने नगीना थाना में केस दर्ज करा दिया है. पीड़ित महिला का नाम साजिदा पुत्री मुबीन है यह खेड़ी कंकर गांव की रहने वाली हैं. साजिदा की शादी जुलाई 2017 को मुस्लिम रीति-रिवाज से सलाउदीन पुत्र कमाल निवासी ढाढोला के साथ हुई थी.

शादी के बाद से ससुराल पक्ष के लोग खुश नहीं थे. पीड़ित पिता ने आधा एकड़ जमीन बेचकर बेटी की शादी की थी. विवाहिता ने दहेज़ का मुकदमा भी पति सलाउद्दीन सहित 5 लोगों पर दर्ज कराया है. जब मुकदमे के बारे में पति सलाउद्दीन को पता चला तो उसने अपनी सास को फोन किया.दामाद और सास की फोन पर बातचीत इतनी बढ़ गई कि उसने (सलाउदीन) पत्नी साजिदा को मुकदमा दर्ज कराने से नाराज होकर तलाक दिया. सलाउदीन ने फ़ोन पर ही अपनी सास से तीन बार तलाक, तलाक, तलाक कहा.
नगीना थाना प्रभारी अजयबीर सिंह ने पत्रकारों को घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि गत 29 जुलाई को पति सलाउद्दीन सहित 5 लोगों पर दहेज़ की धाराओं के तहत के केस दर्ज किया है, तो गत 1 अगस्त को आईपीसी की धारा 1860, 506, 4 दी मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ़ राइट ऑन मेर्रिज एक्ट न. 20 ईयर 2019 के तहत केस दर्ज हुआ है. जिसमें पति सलाउद्दीन को आरोपी बनाया गया है. एसएचओ अजयबीर सिंह ने कहा कि जल्द ही आरोपी को अरेस्ट किया जायेगा. ट्रिपल तलाक के अलावा दहेज़ वाली एफआईआर में भी सलाउद्दीन सहित 5 आरोपी हैं, जिनकी तलाश में छापेमारी की जा रही है.

पहला केस
सलाउद्दीन/पुत्र कमाल, खेरूनी/पत्नी कमाल, सलीम/पुत्र कमाल, सज्जी/पुत्री कमाल, खूबी/पुत्र रज्जाक निवासी ढाढोली के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 498 ए, 406, 506, 34 के तहत केस दर्ज हुआ है.

ट्रिपल तलाक का केस
ट्रिपल तलाक में सलाउद्दीन निवासी ढाढोली को आरोपी बनाया गया है. गत 1 अगस्त को आईपीसी की धारा 1860, 506, 4 दी मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ़ राइट ऑन मेर्रिज एक्ट न. 20 ईयर 2019 के तहत केस दर्ज हुआ है.

अब सबकी निगाहें आरोपियों की गिरफ्तारी से लेकर केस के ट्रायल पर रहेंगी कि आख़िरकार तलाक देने वाले लोगों को कोर्ट क्या सजा देता है. लेकिन नूंह जिले का यह तीन तलाक का केस इतिहास के पन्नों में जरूर लिखा जायेगा. तीन तलाक बिल पास होने के बाद यह पहला केस बन गया है. पीड़ित परिवार कानून का समर्थन करते हुए कड़ी सजा की मांग की है.