सरकार पर बढ़ सकता है कामकाज का बोझ, मार्च में रिटायर हो रहे हैं 4500 कर्मचारी
भोपाल: (देवराज सिंह चौहान) कमलनाथ सरकार के लिए अगले महीने से प्रशासन स्तर पर काम करवाना मुश्किल भरा हो सकता है. मार्च में साढ़े चार हजार अनुभवी, दक्ष और सीनियर कर्मचारी एक साथ रिटायर होने जा रहे हैं. इससे प्रदेश में कर्मचारी संकट गहरा सकता है.
गौरतलब है कि, मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की संख्या करीब साढ़े चार लाख है. जिसमें से पंद्रह हजार से ज्यादा कर्मचारी साल 2020 के अंत तक रिटायर होने जा रहे हैं.
बता दें कि, रिटायरमेंट की उम्र सीमा 62 साल करने के बाद से एक साल से रिटायरमेंट का सिलसिला थमा हुआ था. लेकिन, पूर्ववर्ती और मौजूदा सरकार रिटायरमेंट के बाद कामकाज का विकल्प नहीं खोज पाई. उधर, प्रमोशन का मामला कोर्ट में होने की वजह से 3 साल से कर्मचारियों को प्रमोशन भी नहीं मिल पाया है.
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ और राजपत्रित कर्मचारी संघ ने सरकार से तुरंत विकल्प तलाशने की मांग की है.
कर्मचारी नेताओं का कहना है कि जनपदों से कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं, लेकिन कर्मचारियों का विकल्प सरकार के पास नहीं है. पहले लगातार प्रमोशन के जरिए पदों को भरा जा सकता था. अब बिना प्रमोशन जिम्मेदारी भरा काम करने से कर्मचारी भी कतरा रहे हैं.