जनवरी में इसरो लॉन्च करेगा अब तक का सबसे ताकतवर संचार उपग्रह
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (Indian Space Research Organization – ISRO) अगले साल जनवरी के मध्य में अपना नया संचार उपग्रह लॉन्च करेगा. इस उपग्रह के लॉन्च होने के बाद देश की संचार व्यवस्था और मजबूत हो जाएगी. इसकी मदद से देश में नई इंटरनेट टेक्नोलॉजी लाई जाने की उम्मीद जताई जा रही है. साथ ही पूरे देश में मोबाइल नेटवर्क फैल जाएगा, जहां अभी तक मोबाइल सेवा नहीं है.
आखिर GSAT-30 है क्या?
GSAT-30 जीसैट सीरीज का बेहद ताकतवर संचार उपग्रह है जिसकी मदद से देश की संचार प्रणाली में और इजाफा होगा. अभी जीसैट सीरीज के 14 सैटेलाइट काम कर रहे हैं. इनकी बदौलत ही देश में संचार व्यवस्था कायम है
किस काम आएगा GSAT-30?
जीसैट-30 की मदद से देश की संचार प्रणाली, टेलीविजन प्रसारण, सैटेलाइट के जरिए समाचार प्रबंधन, समाज के लिए काम आने वाली जियोस्पेशियल सुविधाओं, मौसम संबंधी जानकारी और भविष्यवाणी, आपदाओं की पूर्व सूचना और खोजबीन और रेस्क्यू ऑपरेशन में इजाफा होगा.
कब तक काम करेगा GSAT-30?
यह लॉन्च होने के बाद 15 सालों तक पृथ्वी के ऊपर भारत के लिए काम करता रहेगा. इसे जियो-इलिप्टिकल ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा. इसमें दो सोलर पैनल होंगे और बैटरी होगी जो इसे ऊर्जा प्रदान करेगी
कब और कहा से लॉन्च होगा GSAT-30?
इसरो का GSAT-30 यूरोपियन हैवी रॉकेट एरियन-5ECA से जनवरी मध्य में छोड़ा जाएगा. GSAT-30 का वजन करीब 3100 किलोग्राम है. यह इनसैट सैटेलाइट की जगह काम करेगा. यह सैटेलाइट यूरोप पहुंच गया है. इसे फ्रेंच गुएना से लॉन्च किया जाएगा