मध्यप्रदेश

फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर बने M.L.A राजेंद्र सलूजा नहीं लिख पाएंगे पूर्व विधायक, और पेंशन की भी होगी वसूली

सुप्रीम कोर्ट ने गुना के पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह सुरजेवाला को बड़ा झटका देते हुए उनकी पेंशन व अन्य सरकारी लाभ वापस लेने का आदेश दिया है, साथ ही अब वह खुद को पूर्व विधायक भी नहीं लिख सकेंगे यह कार्यवाही उनके फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में हुई है जिसमें कोर्ट ने उन्हें किसी भी प्रकार की पेंशन के लिए अयोग्य ठहरा दिया है फैसला 18 मार्च को आया,

बता दे की गुना विधायक सीट अनुसूचित जाति एससी के लिए आरक्षित है वर्ष 2008 में विधानसभा चुनाव में राजेंद्र सिंह सलूजा ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा भाजपा प्रत्याशी का नामांकन खारिज होने के बाद उन्हें भाजपा का समर्थन मिल गया उन्होंने सांसी समुदाय का जाति प्रमाण पत्र लगाकर आरक्षण का लाभ लिया और विधायक बने विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उनकी जाति को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई थी कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाए कि सलूजा सामान्य जाति के हैं, और उन्होंने फर्जी प्रमाण पत्र का उपयोग किया है जांच के बाद 10 अगस्त 2011 को उनका जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया जाति प्रमाण पत्र रद्द होने के बाद राजेंद्र सिंह सलूजा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की लेकिन यह 2012 में खारिज कर दी गई इसके बाद रिव्यू पिटीशन भी 2013 में खारिज हो गई हालांकि वह पहले ही 5 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके थे वर्ष 2016 में पार्षद वंदना मंडारे ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की जिसमें मांग की गई की चुकी सलूजा फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर विधायक बने थे, इसलिए उन्हें पेंशन व अन्य लाभ नहीं मिल ना चाहिए हालांकि हाई कोर्ट ने इस याचिका को जनहित याचिका मानने से इनकार कर दिया और इसे द्वेष पूर्ण बताते हुए 4 अप्रैल 2017 को खारिज कर दिया साथ ही वंदना मंडारे पर 50000 का जुर्माना भी लगा दिया गया वंदना ने हाई कोर्ट में फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस एम एम सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने सलूजा को पेंशन व अन्य लाभ लेने से अयोग्य ठहराया

चार पॉइंट में समझे कोर्ट ने क्या कहा….

सलूजा अब किसी भी तरह की पेंशन के हकदार नहीं होंगे

उनसे अब तक मिली पेंशन व अन्य लाभों की वसूली की जाएगी

वह अब खुद को पूर्व विधायक भी नहीं लिख पाएंगे

उनके खिलाफ वसूली और कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी

कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि सलूजा विधानसभा सदस्य के रूप में किसी भी अधिकार का दवा नहीं कर सकेंगे और इस संबंध में हलकनाम करने के लिए समय मांगा गया है