दिल्ली चुनाव परिणाम: सीटों के मामले में कांग्रेस को हुआ ‘कोरोना’
दिल्ली: दिल्ली में लगातार 15 सालों तक सत्ता में रहने वाली कांग्रेस लगातार दूसरी बार विधानसभा में पहुंचने की स्थिति में नहीं है. ऐसा लगता है कि चीन के कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर कांग्रेस पर पड़ा और कांग्रेस इस बार भी शून्य पर आउट होने जा रही है. जिस पार्टी ने देश में 60 साल और दिल्ली में 15 साल लगातार सरकार चलाई हो, वो पार्टी पिछले दो चुनावों से दिल्ली में एक सीट के लिये तरस रही है.
सुभाष चोपड़ा ने भाजपा- AAP पर लगाया सांप्रदायिक राजनीति का आरोप
दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने भाजपा- AAP पर सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा इन दोनों पार्टियों ने जनता को भ्रम में रखकर वोट मांगे जिसका नुकसान कांग्रेस को हुआ. भाजपा और AAP ने दिल्ली में विकास के बजाय ध्रुवीकरण की राजनीति की.
पिछली बार से भी बुरी हालत
2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 10 फीसदी वोट मिला था जो इस बार घटकर शुरुआती रुझानों में 3 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं. यह पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में आधा भी नहीं है. आम आदमी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में फिर वापसी करने वाली चांदनी चौक से विधायक अल्का लांबा की हार लगभग तय है. उन्हें मात्र 600 वोट मिले हैं. गांधी नगर सीट से अरविंदर सिंह लवली, दिल्ली कैंट से कांग्रेस उम्मीदवार संदीप तंवर और हारुन यूसुफ की हार भी तय लग रही है क्योंकि ये लोग तीसरे नंबर पर चल रहे हैं और अपने प्रतिद्वन्द्वी से कोसों दूर हैं.
रुझानों में AAP की सरकार बनना तय
दिल्ली विधानसभा चुनाव के अब तक के रुझानों के मुताबिक अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) को बहुमत मिल गया है. 70 सदस्यीय विधानसभा में आप 58 सीटों पर आगे है. बीजेपी मात्र 12 सीटों पर आगे चल रही है. अब तक की मतगणना में आप को 53% वोट मिले हैं. वहीं बीजेपी को 40 प्रतिशत वोट मिले हैं. कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिल रही है.