दिल्ली

बालिका गृह मामले में सुनवाई पूरी, 11 फरवरी को दोषियों की सजा का होगा ऐलान

नई दिल्ली: मुजफ्फरपुर बालिका गृह (Muzaffarpur Shelter Home) यौन शोषण मामले में आज ब्रजेश ठाकुर (Brajesh Thakur) समेत 19 दोषियों की सजा पर सुनवाई खत्म हो गई है. सीबीआई ने सभी दोषियों की दलीलों का सुनवाई के दौरान विरोध किया.

साकेत कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि सभी दोषी बालिग हैं और सभी को पता था कि क्या कर रहे हैं. सभी दोषियों की सजा को बिल्कुल भी कम नहीं किया जाना चाहिए.

साथ ही सीबीआई ने ये भी कहा कि सभी दोषियों ने नाबालिग बच्चियों के साथ जो कृत्य किया है वह समाज में भी माफी योग्य नहीं है. कोर्ट से सीबीआई ने दोषियों को कड़ी सजा देने की अपील की. सीबीआई ने कहा कि यही समय है जब कोर्ट कठोर सजा देकर समाज में संदेश दे सकता है.

आपको बता दें कि साकेत कोर्ट ने 21 जनवरी को ब्रजेश ठाकुर समेत 19 लोगों को बच्चियों के यौन शोषण एवं शारीरिक उत्पीड़न का दोषी ठहराया था. साकेत स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाध ने ब्रजेश ठाकुर को पॉक्सो कानून के तहत सामूहिक दुष्कर्म का दोषी माना है. उन्होंने दोषियों को सजा सुनाने के लिए 28 जनवरी की तारीख मुकर्रर की थी.

लेकिन उस दिन जज के नहीं बैठने की वजह से दोषियों की सजा नहीं सुनाई जा सकी थी. इसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई चार फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया था. आज सुनवाई में इस बात पर बहस हुई कि दोषियों को कितनी सजा दी जानी चाहिए. अब 11 फरवरी को सभी दोषियों की सजा का ऐलान किया जाएगा.

आपको बता दें कि कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर, बालिकागृह की अधीक्षक इंदू कुमारी, बालिकागृह में गृह माता मीनू देवी, बालिकागृह में काउंसलर, मंजू देवी, बालिकागृह में गृह माता चंदा देवी, बालिकागृह में नर्स नेहा कुमारी, बालिकागृह में केस वर्कर हेमा मसीह को 120 बी के तहत दोषी करार दिया गया है.

इसके अलावा कोर्ट ने बालिकागृह में सहायक किरण कुमारी, रवि कुमार रौशन, सीडब्लूसी का सदस्य विकास कुमार, सीडब्लूसी के अध्यक्ष दिलीप कुमार, ब्रजेश का चालक विजय तिवारी, गुड्डू पटेल, कृष्णा राम, रोजी रानी, रामानुज ठाकुर, रामाशंकर सिंह, डॉ. अश्विनी, साइस्ता परवीन को दोषी करार दिया है.

गौरतलब है कि टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में बालिकाओं के साथ यौन शौषण करने का मामला 2018 में सामना आया था. मामला सामने आने के बाद नीतीश सरकार ने केस में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.