उत्तराखंड

बच्चों के लिए नई रोशनी बनीं ये EYE लेडी, जानें इनके बारे में पूरी कहानी

नैनीताल: (देवराज सिंह चौहान)  उत्तराखंड के नैनीताल में आई लेडी के नाम से मशहूर शील दीदी बच्चों के लिए एक उम्मीद की किरण की तरह हैं, वे प्लेऑप्टिक तकनीक से बच्चों की आंखों की बीमारियों को दूर करने के लिए लगातार काम कर रही हैं. उनके इलाज से बच्चों को नई रोशनी मिल रही है. वे आज से 45 साल पहले लंदन से आंखों का इलाज सीखकर भारत आई थीं.

बच्चों के लिए नई रोशनी बनीं शील दीदी
कई बच्चे टेढ़ापन, स्क्विन्ट, एम्बलयोपिया और नेस्टैगमस जैसी बीमारियों से ग्रसित होते हैं. शील दीदी ऐसे ही बच्चों का इलाज प्लेऑप्टिक तकनीक से करती हैं. इस तकनीक से अमेरिका,ब्रिटेन,चीन,फ्रांस और जर्मनी में इलाज किया जाता है. इसमें छोटे बच्चों की आंखों की रोशनी को कई तरह के अभ्यास से ठीक किया जाता है.

50 साल से कर रही हैं बच्चों का इलाज
77 साल की सुशील बोहरा को बच्चे प्यार से शील दीदी कहते हैं. उन्होंने अपनी पूरी उम्र बच्चों के लिए समर्पित कर दी है. उन्होंने शादी भी नहीं की. वे नैनीताल में रहकर बच्चों का इलाज करती हैं. पिछले करीब 50 सालों से शील दीदी बच्चों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं है.

शील दीदी ने किया था इंदिरा गांधी का इलाज
शील दीदी ने बच्चों के साथ-साथ करीब एक महीने तक पूर्व पीएम इंदिरा गांधी का भी इलाज किया था, जिन्हें डबल विजन की बीमारी थी. इसी के साथ उन्होंने यूपी के राज्यपाल रहे विश्वनाथ रॉय, गोपाला रेड्डी और मफतलाल ग्रुप के सीईओ का भी इलाज किया है.