CAA प्रदर्शन: विदेशी महिला को भारत छोड़ने को कहा, जर्मन छात्र भी किया जा चुका है डिपोर्ट
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध करना एक विदेशी पर्यटक को भारी पड़ गया. नॉर्वे के रहने वाली जेन-मेटे जोहंसन को भारत छोड़ने के लिए कहा गया है. दरअसल जोहंसन ने सीएए पर हुए एक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था.
- सीएए का विरोध विदेशी महिला पर्यटक को पड़ा भारी
- अधिकारियों ने पर्यटक को भारत छोड़ने के लिए कहा
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध करना एक विदेशी पर्यटक को भारी पड़ गया. नॉर्वे के रहने वाली जेन-मेटे जोहंसन को भारत छोड़ने के लिए कहा गया है. दरअसल जोहंसन ने सीएए पर हुए एक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था.
जोहंसन ने कोच्चि में सीएए के खिलाफ निकाले गए विरोध मार्च में हिस्सा लिया था. एफआरआरओ दफ्तर ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि जोहंसन ने वीजा नियमों का उल्लंघन किया है. जिसके कारण उन्हें देश छोड़ने के लिए कह दिया गया है. इसको लेकर जोहंसन ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर पोस्ट भी किया है.
जोहंसन ने लिखा है, ‘कुछ घंटे पहले ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन से फिल मेरे होटल में दिखाई दिए. मुझे बताया गया था कि देश छोड़ दिया जाए नहीं तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी. मैंने स्पष्टीकरण मांगा और लिखित में भी मांग की. मुझे बताया गया कि मुझे लिखित में कुछ भी मिलेगा.’
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
हालांकि ये कोई पहला मामला नहीं है जब किसी विदेशी को भारत छोड़ने के लिए कहा हो. इससे पहले एक जर्मन छात्र को भी सीएए का विरोध करने पर भारत से जाने के लिए कहा जा चुका है. नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ देश में प्रदर्शन जारी है, अलग-अलग तबके के लोग सड़क पर उतरकर विरोध जता रहे हैं. इस दौरान कई विदेशी भी शामिल हुए.
इसी विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के कारण जर्मनी के जैकब लिंडेथल को भारत छोड़ने के लिए कहा गया था. अब जैकब वापस लौट गए हैं. अपने फेसबुक पोस्ट में जैकब ने लिखा था कि जो लोग CAA-NRC के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं, वह उन्हें सलाम करते हैं. बता दें कि जैकब लिंडेथल ITT मद्रास में स्टूडेंट हैं.