बुढ़ापे का सहारा है यह सरकारी स्कीम, हर महीने 10 हजार तक की पेंशन
किसी भी व्यक्ति का बुढ़ापे में अपने जीवन यापन को लेकर चिंतित होना स्वभाविक है. यही वजह है कि बुढ़ापे की चिंता करने वाले लोग अपनी कमाई के दौरान ही निवेश शुरू कर देते हैं. लेकिन सरकार की एक ऐसी भी स्कीम है जिसमें निवेश के बाद हर महीने 10 हजार रुपये तक की पेंशन ले सकते हैं… आइए इस स्कीम के बारे में विस्तार से जानते हैं..
दरअसल, एलआईसी के जरिए संचालित होने वाली ”प्रधानमंत्री वय वंदना योजना” के तहत सरकार ने बुजुर्गों के लिए पेंशन की व्यवस्था की है. इस योजना के तहत मिनिमम एंट्री एज 60 साल है.
इसका मतलब ये है कि 60 साल की उम्र के बाद ही इस स्कीम का फायदा उठाया जा सकता है. इसके तहत 10 साल तक एक तय दर से गारंटीशुदा पेंशन मिलती है. अगर आपको 10 साल बाद फिर से पेंशन शुरू करना है तो दोबारा स्कीम में निवेश करना होगा.
कैसे मिलती है पेंशन?
”प्रधानमंत्री वय वंदना योजना” के तहत पेंशन के लिए निवेशक को एक निश्चित तारीख, बैंक अकाउंट और अवधि का चयन करना होता है. उदाहरण के लिए अगर आपको हर महीने की 30 तारीख को पेंशन चाहिए तो इस तिथि का चयन करना होगा. इसी तरह निवेशक मासिक, तिमाही, छमाही और वार्षिक विकल्पों के साथ पेंशन के क्रेडिट के लिए समय के विकल्प को चुन सकते हैं.
अगर आपने मासिक विकल्प का चयन किया तो हर महीने पेंशन मिलेगा. जबकि तिमाही चयन पर हर तीन महीने बाद एकमुश्त पेंशन मिलता है. इसी तरह छमाही या सालाना विकल्प चयन पर क्रमश : 6 या 12 महीने बाद एकमुश्त पेंशन मिलेगा. यहां बता दें कि स्कीम में निवेश के 1 साल बाद पेंशन की पहली किश्त मिलती है. वहीं मासिक आधार पर पेंशन की न्यूनतम रकम 1 हजार रुपये जबकि अधिकतम 10 हजार रुपये है.
और क्या हैं सुविधाएं ?
इस पेंशन स्कीम में डेथ बेनिफिट भी मिलता है. इसके तहत नॉमिनी को खरीद मूल्य वापस किया जाता है. इस स्कीम में एक व्यक्ति कम से कम 1.50 लाख और अधिकतम 15 लाख रुपये निवेश कर सकता है. वहीं पॉलिसी खरीदते समय निवेशक द्वारा जमा की गई रकम 10 साल की अवधि पूरा होने के बाद वापस हो जाती है.