अटल जी का जन्मदिवस मनाकर किया काव्यगोष्ठी का आयोजन
सारंगपुर। मॉ शारदा साहित्य मंच द्वारा प्रति सप्ताह होने वाली काव्यगोष्ठी में इस बार महायोग के साथ क्रिसमस, महामना पं. मदनमोहन मालवीय, पं. अटल बिहारी वाजपेयी की जयन्ती हर्षोल्लाषित वातावरण में मनाई गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि धर्मेन्द्र वर्मा, एवं अध्यक्षता प्रेमशंकर पाण्डेय ने की। सर्वप्रथम मॉ सरस्वती एवं पं. मदनमोहन मालवीय, पं. वाजपेयी के चित्रों का पूजन अर्चन किया गया। तत्पश्चात् मॉ वीणापाणी की वंदना कवियत्री श्रीमति अनुराधा चौहान ने की। सामुहिक रूप से राष्ट्र प्रेरणा गीत का गायन किया गया। वरिष्ठ कवि मुरलीधर स्वर्णकार पथिक ने कुछ यूं कहा- यही कामना हैं मेरी हर घर में हो खुशहाली। क्रिसमस हो या गुरूनानक जयंती, ईद, होली या दिवाली।। वातावरण सुंदर निर्मित हुआ। पूर्व लायंस क्लब अध्यक्ष बी.के. शर्मा ने रचना पढते हुए कहा- देश के ज्वलंत मुद्दो से यदि हम खबरदार नही हैं। तो कुछ होंगे पर कलमकार नही हंै।। युवा हस्ताक्षर गीत गजलकार स्वदीप सोलंकी सतीश ने कुछ ऐसी रचना पढी- जिसमें उन्होने कहा- हरिशचंद्र बन जाना इतना सरल नही होता। राजा को भी सेवक बनकर रहना पडता है।। इसी क्रम में व्यंगकार जयहिंद प्रकाश दुबे ने चुटीली व्यंग्य रचनाओं से खुब हंसी के फव्वारें छुडवाऐं। कवियो में राधेश्याम शर्मा, मांगीलाल गौड, युवा रचनाकार नरेन्द्र पाटीदार, युवा गीत गजलकार योगेश नेमा, आशुलिपि के कवि राकेश पाण्डे ने एक से बढकर एक रचनाओं का पाठ किया। कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए श्री पाण्डेय ने पं. मदनमोहन मालवीय के जीवन पर प्रकाश डाला तो मुख्य अतिथि उद्बोधन में श्री वर्मा ने महापुरूषो के कार्यो की सरलभाव से अभिव्यक्ति पेश की। कार्यक्रम का संचालन कर रहे मंच अध्यक्ष सूत्रधार पं. हरिओम प्रतापसिंह शांण्डिल्य ने वर्तमान पर रचना पाठ किया। इसको खुब सराहा गया। ज्ञात रहेंं चित्रकार स्वदीप सोलंकी द्वारा रेखांकित महामना पं. मदनमोहन मालवीय के चित्र का अनावरण भी किया गया। कार्यक्रम के अंत में बी.के. शर्मा ने आभार माना।