उज्जैन देश

जीवन का सकारात्मक दृष्टिकोण है कौशल विकास

उज्जैन। डॉ. अम्बेडकर पीठ अपने निर्धारित लक्ष्य को साधते हुए विद्यार्थियों, शोधार्थियों के लिए उपयोगी, सार्थक व सकारात्मक शैक्षणिक कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है। कौशल विकास के अनेक क्षेत्र हैं। प्रत्येक क्षेत्र का अपना महत्त्व है। हर क्षेत्र चुनौतियों से भरा है। विद्यार्थी जीवन ही इन चुनौतियों से लड़ने के लिए तैयारी करवाता है। औपचारिक शिक्षा का अपना महत्त्व जीवन के शैक्षणिक विकास में है, लेकिन उसके उपयोग की सार्थकता तभी है जब उसका उपयोग सकारात्मक हो। उक्त विचार माननीय कुलपति प्रो. बी.के. शर्मा ने डॉ. अम्बेडकर पीठ द्वारा आयोजित तीन दिवसीय सॉफ्ट स्किल्स प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में कही।
प्रो. शर्मा ने कहा किसी भी कार्य को सावधानी व दक्षतापूर्वक करना ही कौशल है। अनौपचारिक व्यक्तित्व विकास जीवन की आवश्यकता है। कौशल विकास का क्षेत्र बहुत व्यापक है। कौशल विकास जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ-साथ आंतरिक गुणों का विकास करता है। भविष्य में आनेवाली व्यावहारिक समस्याओं से सामना करने की पूर्व तैयारी है कौशल विकास।
स्वागत भाषण देते हुए डॉ. अम्बेडकर पीठ के प्रभारी निदेशक डॉ. एस.के. मिश्रा ने कहा जीवन को अनुशासित बनाने के लिए कौशल विकास की आवश्यकता है। व्यक्तित्व विकास का अहम् हिस्सा है कौशल विकास। कौशल विकास जिम्मेदार और आदर्श नागरिक बनने की प्रक्रिया जिससे आंतरिक गुणों का विकास होता है। ‘साफ्ट स्किल्स प्रशिक्षणÓ कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सांख्यिकी, समाजकार्य, हिन्दी, प्राचीन इतिहास, प्रबंधन, बॉयोटेक व वाणिज्य के विद्यार्थी व शोधार्थियों की प्रतिभागिता है।
उद्घाटन सत्र में विद्यार्थी कल्याण संकाय के संकायाध्यक्ष व प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति व पुरातत्त्व के अध्यक्ष डॉ. आर.के. अहिरवार विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन व आभार शोध अधिकारी डॉ. निवेदिता वर्मा ने किया।