उज्जैन देश

संविधान और धर्म का पालन नहीं करने से नैतिक विहीन समाज का होना पतन का कारण

उज्जैन। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, प्रखर पत्रकार, पूर्व सांसद कन्हैयालाल वैद्य की ४५वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित व्याख्यानमाला को ‘‘राष्ट्र के प्रति हमारा नैतिक दायित्व’’ विषय पर संबोधित करते हुए सार्वदशिक आर्य प्रतिनिधि सभा दिल्ली के महामंत्री प्रकाश आर्य ने कहा कि आज हमारा देश भवनों, सड़कों, विश्वविद्यालयों से सम्पन्न है, लेकिन संविधान और धर्म का पालन नहीं करने से हमारा नैतिक पतन हो रहा है, हमने दलगत राजनीति को अपना धर्म बना लिया।
उन्होंने कहा कि, राजनीति के बजाए राष्ट्रनीति होती तो हमारा नैतिक पतन नहीं होता। जब देश में संपन्नता नहीं थी, भारत जगद्गुरु था। हमारे देश की सबसे बड़ी शिक्षा और धर्म नैतिकता है। नैतिकता का मतलब कर्तव्य और धर्म का पालन करना है। हमारे पूर्वज बुद्धिमान थे, उन्होंने पीपल, गौशाला, तुलसी आदि को धर्म से जोड़ दिया लेकिन हमने इन्हें सिर्पâ पूजा तक सीमित कर दिया। आज धर्म नैतिकता सिखाता है, लक्ष्मण ने अपने भाई राम से कहा कि लंका विजय हो गयी है, अब तो यही रहो, राम ने कहा यह स्वर्णमयी भले हो सम्पन्न है। लेकिन जन्मभूमि से श्रेष्ठ नहीं है। संविधान ने हमें अधिकार दिये लेकिन बंधुआ मजदूर गये, पार्टी से बंधे है, गलत उम्मीदवार चुनते हैै। आपने कहा कि, नैतिक विहीन समाज का होना पतन का कारण होता है। आपने विदेशों और चाणक्य की राष्ट्र के प्रति निष्ठा का उदाहरण भी किया।
आपने कहा कि, हमारे देश में पानी महंगा, खून सस्ता है, हमारे धर्म को ठेकेदारों से तथा देश के गद्दारों से खतरा है। हम आज भी जातियों और भाषाओं में बंटे हए है, यह कोई भी कहने को तैयार नहीं है कि मैं भारतीय हूँ।
कार्यक्रम को विशेष अतिथि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी प्रेमनारायण नागर ने संबोधित करते हुए कहा कि, वैद्यजी के जीवन से हमे प्रेरणा लेना चाहिए, यह आजादी तभी सार्थक रहेगी, कि हम सेनानियों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने दे।
कार्यक्रम के आरंभ में आर्य विद्वान राजेन्द्र व्यास ने स्वस्तिवाचन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व सांसद सत्यनारायण पंवार ने की, आपने कहा कि वैद्यजी ने सारा जीवन संघर्ष किया, वे स्वतंत्रता संग्राम के अग्रज सेनानी थे।
कार्यक्रम को आचार्य डा.शैलेन्द्र पाराशर, वैद्यजी के नाती राहुल वर्मा, आनन्दीलाल गांधी, जे.पी. शर्मा ने भी संबोधित किया। प्रो. रफीक नागोरी ने काव्य पाठ किया।
अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर वैद्यजी के चित्र पर सूतमाला अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।  वैद्यजी के सुपुत्र क्रांतिकुमार वैद्य ने अतिथियों का सूत माला पहना कर स्वगत किया। कार्यक्रम का संचालन नरेश सोनी पत्रकार ने किया। अंत में वरिष्ठ पत्रकार राज्य स्तरीय कन्हैयालाल वैद्य पत्रकारिता पुरस्कार से पुरस्कृत वैâलाश सनोलिया ने आभार व्यक्त किया। आर्य समाज उज्जैन द्वारा प्रकाश आर्य जी एवं सत्यनारायण पंवार जी का दुपट्टा पहनाकर सम्मान किया।