भाजपा व कांग्रेस का सड़क पर किसान हित आंदोलन या फिर कुछ और ?
किसान कंफ्यूज कोठी रोड़ जाए या गोपाल मंदिर…
उज्जैन । मध्यप्रदेश की राजनीति में आज एक नया इतिहास दर्ज होने की तर्ज पर है। मौका है किसान हित मे कौन सी सरकार ज्यादा गंभीर है, राज्य सरकार या फिर केंद्र सरकार….आज प्रदेश भर में हर जिले में दोनों राजनीति पार्टिया किसान आंदोलन कर रही है। अब ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों से आए किसान कंफ्यूज है कि आखिर उनकी नैया पार कौन करेगा बीजेपी या फिर कांग्रेस ? इसी क्रम में आज धार्मिक नगरी उज्जैन भी किसान आंदोलन प्रतिस्पर्धा का अखाड़ा बना दिख रहा है यहां भी वही आलम है जो पूरे प्रदेश भर में छाया हुआ है। भाजपा सरकार (नेता)राज्य सरकार को कौसने के लिए कोठी रोड कालिदास अकादमी पर किसान आक्रोश आंदोलन करेंगे, और प्रदेश में किसान मुआवजा, कर्ज माफी, चरमाई बिजली व्यवस्था जैसे मुद्दों पर राज्य में मुश्किल से बनी कमलनाथ सरकार को घेरने का काम करेगी। जिसके चलते बीजेपी के नेताओं ने पूरी कोठी रोड पर झंडे व फ्लेक्स टांग रखे हैं।
दूसरी तरफ कांग्रेसी गोपाल मंदिर पर एकत्रित होकर किसान आंदोलन करने जा रही है और किसानों को केंद्र सरकार की दोहरी नीति अवगत कराएगी कि केंद्र सरकार मध्य प्रदेश सरकार को सहायता राशि मुहैया नहीं करवा रही है ।
जनता सहित किसान भी असमंजस में
इस प्रकार एक ही दिन एक ही समय मे हो रहे दोनों पार्टियों के आंदोलन को देखकर जनता ओर किसान असमंजस की स्थिति में है, किसे सही माने किसे गलत । यहीं चर्चा दोनों ही पार्टियों के कार्यकर्ताओं में भी है । शहर के विकास को लेकर जनता किस्से पूछे कि विकास की गति धीमी क्यों पड़ गयी है या फिर विकास कहाँ गया ।