हर धर्म में गाय की सेवा महत्वपूर्ण है
सारंगपुर।(नवीन रुण्डवाल)नगर के हाजी यूसुफ उस्ताद द्वारा बरसों से अपने खानदान की परंपरा को निभाते हुए लगातार 60 सालों से गायों को पालने के साथ साथ उनकी देखरेख करते आ रहे हैं उनके द्वारा बरसों पुरानी पूर्वजों के हाथ की गाय जिसका नाम केसर गाय के नाम से मशहूर थी जिसको युसूफ उस्ताद द्वारा देखरेख कर उसको पालते थे उसी गाय की आज तक नस्लें चली आ रही है केसर गाय के बाद उनके घर में उसी गाय की संतान रेशम गाय समा उसके बाद पार्टी गया के नाम से नस्लें उनके घर में आज भी मौजूद है बाप दादा के नक्शे कदम पर चलते हुए उनके बेटे सैयद हाफिज अली द्वारा भी हर रोज रोड पर बैठने वाली गायों को या बाजार में घूम रही गायों को सुबह से उनके चारों उनको खाने पीने की व्यवस्था करने का जज्बा उनके अंदर दिखता है वह बिना दिखावे के कई महीनों से गायों की सेवा के लिए उनके खेत पर चारे की व्यवस्था रोड पर गायों के लिए चारे की व्यवस्था करने का काम कर रहे थे जब उनसे बातचीत की गई तो हाफ़िज अली ने बताया कि गाय की सेवा करना चाहिए चाहे गाय हो चाहे पालने वाला हर जानवर उसकी सेवा करना हमारा कर्तव्य है गाय सभी के लिए एक समान है गाय को पालते हम 60 वर्षों से चले आ रहे जो आज भी हम गाय का ध्यान रखते हैं और आगे भी हमेशा इसी तरह रखते रहेंगे गाय की सेवा करने वाले मुस्लिम लड़के ने सभी को यह प्रेरणा दी है कि हर धर्म के लोगों को गाय का सम्मान करना चाहिए और रोड पर घूमने वाली गाय को दुर्घटनाओं से बचाना चाहिए और गाय की देखभाल कर उसके चारे पानी की व्यवस्था कर अपना कर्तव्य निभाना चाहिए।