राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने आर.सी.ई.पी. समझोते केे विरोध में दिया प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन
देवास। मुक्त व्यापार समझौता जो कि 16 देशों के मध्य आशियान के दस देशों के बीच नवम्बर में होने जा रहा है। इसी के विरोध में राष्ट्रीय मजदूर महासंघ ने ज्ञापन सौंपा ज्ञापन में बताया कि जिसके अंतर्गत चीन, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, द.कोरिया और जापान से आयात किये जाने वाले कृषि एवं दूध उत्पादों पर आयत शुल्क खत्म किया जाएगा। किसानों ने आशंका जाहिर की है कि इसके दुष्परिणाम भारत के किसानों को भुगतना होंगे। पूर्व में भी 14 मुक्त समझौते हुए है जिसके दुष्परिणाम भी किसानों को झेलना पड़ रहे हैं। भारत की तुलना विदेशी किसानों से नहीं की जा सकती है। विदेशों में किसानों को बड़ी मात्रा में सब्सीडी दी जाती है लेकिन भारत में समर्थन मूल्य से भी नीचे फसल बिकती है। ज्ञापन में मांग की गई है कि भारत मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर न करे और देश के किसानों की रक्षा करे।
मुख्यमंत्री केे नाम दिए गए ज्ञापन में मांग की गई कि सरकार द्वारा ऋण माफी योजना के तहत कई किसान वंचित है वादे के अनुसार प्रत्येक किसान का दो लाख तक का ऋण माफ किया जाए। बीमा कंपनी को सरकार द्वारा दिए जाने वाला अंश शीघ्र जमा करवाया जााए जिससे किसानों को बीमे का भुगतान मिल सकेे। सन् 2018 की रबी फसल का बीमा किसानों को तुरंत दिया जाए । किसानों को संस्थाओं द्वारा 2-5 बोरी ही खाद दिया जा रहा है यह अनिवार्यता समाप्त की जाए तथा खाद की पूर्ण व्यवस्था की जाए। किसानों को सिंचाई हेतु दिन में 12 घंटे घंटे बिजली दी जाए। इन अवसरों पर मालवा प्रांत अध्यक्ष लालसिंह बागवान, प्रांतीय सदस्य कैलाश चौधरी, जिला अध्यक्ष राजेन्द्र नाहर, जिला मंत्री गगनसिंह पटेल, जिला उपाध्यक्ष रूगनाथसिंह पोनासा, हरिसिंह सेंधव, सहमंत्री सलीम शेख, जिला सदस्य मेहरबानसिंह सेंधव, देवास तह. अध्यक्ष ईश्वरलाल पटेल, हाटपीपल्या तह. अध्यक्ष बलराम गोठी, देवास तहसील मंत्री ब्रजेश पाटीदार, मांगीलाल जाट मुंडला आदि उपस्थित थे।