भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता में मेेले का विशेष महत्व है। मेले केवल मनोरंजन के साधन नहीं अपितु ज्ञान वर्धन का माध्यम भी कहे जाते हैं। प्रत्येक मेला का देश की धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक परम्पराओं सेे जुुड़ा होना इस बात का प्रमाण है कि ये मेले किस प्रकार जन मानस में एक पूर्व उत्साह, उमंग तथा मनोरंजन करते हैं। उक्त उद्गार नगर निगम द्वारा आयोजित 85 वीं दशहरा कृषि कला एवं औद्योगिक प्रदर्शनी मीना बाजार के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में विधायक श्रीमंत गायत्री राजे पवार ने व्यक्त किए। मेले के सुचारू रूप से संचालन पर उन्होंने नगर निगम टीम को बधाई दी। कार्यक्रम के प्रारंभ में माँ चामुण्डा एवं महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया । इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महापौर सुभाष शर्मा ने कहा कि वर्ष 1934 से शिवाजी पार्क में मीना बाजार का शुभारंभ महाराज विक्रमसिंह पवार द्वारा किया गया था। जिसे शहरवासियों के सहयोग से निगम द्वारा इस मेले को सतत रूप से संचालित किया जा रहा है। इस अवसर पर विशेष अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष नरेन्द्रसिंह राजपूत ने भी अपने विचार व्यक्त किए। अतिथियों द्वारा शहर के विभिन्न संगठनों के अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय खिलाडियों के साथ ही निगम के उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों को प्रमाण पत्र तथा शील्ड देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में निगम सभापति अंसार एहमद, भाजपा मंडल अध्यक्षद्वय ओम जोशी, दिलीप आवटे, निगम सत्तापक्ष नेता मनीष सेन उपस्थित थे। कार्यक्रम में निगम मेयर इन काउंसिल सदस्य सत्यनारायण वर्मा, अर्जुन चौधरी, यशवंत हरोडे, बाबू यादव, पार्षद राज वर्मा, इरफान अली, पार्षद प्र्रतिनिधि मिलिंद सोलंकी, रामेश्वर दायमा, अजय तोमर, भरत चौधरी, मनीष डांगी, धर्मेन्द्रसिंह बैस, मनोहर जाधव, गणेश पटेल, लता राय, अनिल श्रीवास्तव आदि सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। संचालन कवि शशिकांत यादव तथा विष्णु वर्मा सर ने किया तथा आभार निगम आयुक्त संजना जैन ने माना।