2 जिला अस्पतालों में क्यों लगा 12-12 लाख का जुर्माना, जानें
(देवराज सिंह चौहान) मुरादाबाद: देश में प्रदूषण नियंत्रण के तमाम दावों के बाद भी सरकारी महकमे सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं, ताजा मामला मुरादाबाद (Moradabad) का है, जहां के जिला प्रदूषण बोर्ड (District Pollution Board) ने वेस्टेज का सही निस्तारण न करने पर जिला अस्पतालों पर भारी जुर्माना (Fines) लगाया है.
जानकारी के मुताबिक, प्रदूषण रोकने में नाकाम जिला महिला और पुरुष अस्पतालों पर 12-12 लाख का जुर्माना लगाया गया है. एनजीटी (NGT) ने साल 2016 में ही अस्पतालों में वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट (Water Treatment Plant) लगाने का आदेश दिया था. लेकिन तीन साल बाज भी अस्पताल प्रशासन ने इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की.जिला महिला एवं पुरूष अस्पताल की जांच पिछले महीने एनजीटी की एक टीम ने की थी, जिसमें अस्पताल प्रदूषण के मानकों में फेल साबित हुए थे. आरोप है कि जब प्रदूषण बोर्ड ने इनसे सहमति पत्र मांगा तो अस्पतालों ने इस पर भी किनारा कर लिया, जिसके बाद उन्होंने ये सख़्त कदम उठाया है. क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी के मुताबिक, अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की नजर निजी अस्पतालों पर भी है, जिनकी जांच के बाद मानकों पर खरे नहीं उतरने वाले अस्पतालों को बख़्शा नहीं जाएगा.