” कौशल विकास ही सर्वश्रेष्ठ विकल्प” -प्रो. पाहवा
उज्जैन, 21 सितंबर 2019 | वाणिज्य अध्ययनशाला विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में आयोजित “कनेक्टिंग कॉमर्स कैरियर विथ एंटरप्रेन्योरशिप” व्याख्यान श्रृंखला में जी. एस.वाणिज्य-अर्थशास्त्र महाविद्यालय जबलपुर के प्राचार्य एवं वाणिज्य संकाय के पूर्व अधिष्ठाता प्रो. (डॉ) सुनील कुमार पाहवा ने उपस्थित विद्यार्थियो, शोधार्थियों , संकाय सदस्यो के समक्ष अपने सारगर्भित व्याख्यान में कौशल विकास की महत्ता को रेखांकित किया। प्रो. पाहवा ने अपने वक्तव्य में घरों से लेकर औद्योगिक संस्थानों तक कौशल विकास के नए प्रयोगों की प्रासंगिकता है | आपने स्विगी, झोमाटो, ई-फॉर्मेसी और हैदराबाद में भोजन व्यवसाय सामग्री के क्षेत्र में विकसित हो रहे नव कौशल प्रयोगों को अमल करके, हम वाणिज्य के विद्यार्थियों को जोखिम वहन करने की क्षमता को भी बढ़ाने का आव्हान किया। आपने हरियाणा की प्रतिभावान युवा महिला खिलाड़ियों को उद्धरित करते हुए किसी भी कौशल विधा को समाहित करते हुए वाणिज्य की नई पीढ़ी से लगन – मनन और समर्पण के स्तर में वृद्धि की अपेक्षा व्यक्त की।ख्यान के पूर्व वाणिज्य अध्ययनशाला विभागाध्यक्ष डॉ. धर्मेन्द्र मेहता ने अतिथि स्वागत एवं व्याख्यान श्रृंखला के बारे में जानकारी दी। विद्यार्थियों के लिए प्रश्नोंतर सत्र भी सम्पन्न हुआ।इस अवसर पर वाणिज्य संकाय के वरिष्ठ विद्वान सेवा निवृत्त आचार्य प्रो. डॉ. जी. पी. शर्मा जी ने भी अपने आशीर्वचन व्यक्त किए।इस अवसर पर वाणिज्य अध्ययनशाला के शिक्षक डॉ आशीष मेहता, डॉ. नेहा माथुर , डॉ. नागेश पाराशर, डॉ. कायनात तंवर, डॉ. रुचिका खंडेलवाल, डॉ.परिमिता सिंह भी उपस्थित थे।अतिथि परिचय एवम व्याख्यान सत्र का संचालन डॉ. नागेश पाराशर ने किया। इस आयोजन हेतु आगंतुक अतिथियों एवं समस्त विद्यार्थियो / शोधार्थियों के प्रति आभार प्रदर्शन वाणिज्य अध्ययनशाला की संकाय सदस्य डॉ. परिमिता सिंह ने व्यक्त किया।