सीईओ ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल के निर्देशों की उड़ाई धज्जी
देवास। ग्राम पंचायत आंट के सरपंच राजेश परमार ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि ग्राम पंचायत आंट के सचिव द्वारा ग्राम पंचायत में कोई भी विकास कार्य नही करने दिया जा रहा है। जबकि पंचायत विभिन्न निर्माण कार्यो के लिए 35 लाख रूपये का बजट शासन द्वारा ग्राम पंचायत आंट को दिया जा चुका है लेकिन ग्राम सचिव पंचायत में कार्य नहीं कर रहे हैं मैं अनुसूचित जाति से हूँ इसलिए मुझे जाति सूचक शब्द बोलकर अपमानित करते हैं और कहते हैं कि जब तक मैं पंचायत मेें रहूंगा तब तक इस पंचायत में कोई भी कार्य नहीं होने दूंगा । सचिव इरफान पठान के साथियों द्वारा पूर्व में मुझसे मारपीट कर जानलेवा हमला भी करवाया गया था। यह मामला अभी भी न्यायालय में चल रहा है। मेरा कार्यकाल भी अब समाप्त होने वाला है मेरी मंशा है कि मेरा कार्यकाल समाप्त होने से पहले जो भी बजट पंचायत के लिये मिला है उसका सदुपयोग हो लेकिन सचिव कोई भी कार्य नहीं कर शासकीय कार्य में बाधा डाल रहा है और कहता है कि मै तेरा कार्यकाल बिगाड दूंगा तु मेरा कुछ नहीं कर सकता है। इन सबसे त्रस्त होकर मैने अपना इस्तीफा देने की बात भी मंत्री एवं सीईओ जनपद , जिलाधीश को भी आवेदन के माध्यम से बताई थी लेकिन फिर भी सचिव का स्थानांतरण नहीं किया गया। जबकि नियम यह है कि यदि सचिव 90 दिनों में कोई राशि विकास कार्र्यो के लिए खर्च नहीं करता है तो उसका स्थानांतरण कर दिया जाता है। लेकिन आंट पंचायत के सचिव को दो वर्ष हो गए है इसका स्थानंातरण आज तक नहीं किया गया। इससे स्पष्ट होता है कि सचिव द्वारा उपर तक भ्रष्टाचार कर पैसा भेजा जा रहा है। इस संबंध में मेरे द्वारा मंत्री कमलेश्वर पटेल का एक पत्र सीईओ जिला पंचायत को दिया गया था लेकिन सीईओ ने पत्र की अनदेखी कर कहा कि ऐसे कई लेटर हमारे पास आते रहते हैं। सीईओ द्वारा मंत्री के निर्देशो की धज्जियां उड़ा दी गई। सरपंच परमार ने कहा है कि मैने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बताया है कि अगर सचिव पर कार्यवाही नहीं की जाती है तो मैं अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को सौंप दूंगा। सचिव से मुझेे एवं मेरे परिवार को जान का खतरा है।