SDRI ने किया 100 करोड़ के फर्जी बिलों के कारोबार का भंडाफोड़
(देवराज सिंह चौहान) जयपुर: राज्य की राजस्व अर्जन से संबंधित विभागों में करापवचंन पर निगरानी रखने वाली विशेष संस्था एसडीआरआई ने महत्त्वपूर्ण कार्यवाही करते हुए राज्य में जीएसटी लागू होने के बाद फर्जी बिलों से व्यापार करने का एक रैकेट उजागर किया है. जयपुर और भिवाड़ी स्थित लौहे के कुछ व्यापारियों की जांच की. जिसमें सर्कुलर ट्रेडिंग संबंधित एक बड़े मामले के खुलासा होने की संभावनाएं हैं.
इन व्यापारियों द्वारा माल की वास्तविक आपूर्ति किए बिना ही लगभग 100 करोड़ राशि के माल की कागजों में ही खरीद-बिक्री दर्शा दी गई है. जिसमें भिवाड़ी और जयपुर स्थित व्यापारियों ने बिना माल के सप्लाई किए आपस में सर्कुलर ट्रेडिंग कर लगभग 100 करोड़ रूपये की जीसी शीट की सप्लाई दिखाकर आईटीसी अविधिक रूप से क्लेम कर ली.
एसडीआरआई को कुछ दिनों पूर्व इस संबंध में एक गुप्त सूचना प्राप्त हुई कि भिवाड़ी और जयपुर के कुछ व्यापारियों ने राज्य में जीएसटी लागू होने के उपरान्त पंजीयन प्राप्त कर 18 प्रतिशत कर दर से जीसी शीट की बिना माल के वास्तविक सप्लाई के संव्यवहार किए जा रहे हैं.
निदेशालय के अधिकारियों ने इन तथ्यों की गोपनीय जांच की. जिसमें इनके द्वारा घोषित व्यवसाय स्थलों की जांच की गई जिसमें सभी दिए गए पते फर्जी पाए गए. कुछ व्यवसाय स्थलों के जो पते घोषित किए गए थे उन कॉलोनी में वह स्थान पाया ही नहीं गया. निदेशालय की टीम जब तस्दीक करने एक व्यापारी फर्म के घोषित व्यवसाय स्थल पर पहुंची तो पाया गया कि वहां पर किसी और फर्म का नाम अंकित है और आस-पड़ोस में पूछने और तलाश करने पर भी वांछित फर्म का अस्तित्व नहीं पाया गया. एक व्यापारी फर्म के व्यवसाय स्थल पर व्यवसायिक गतिविधियां बन्द पाई गईं. निदेशालय के द्वारा इन व्यापारियों के द्वारा बनाए गए ई-वे बिल में दर्ज वाहनों के पंजीयन नम्बरों का विभिन्न टोल गेट से आवागमन की जांच करवाई गई जिसमें जिन तारीखों में माल का ई-वे बिल बनाया गया है. उन तारीखों के आस-पास भी यह वाहन उन टोल गेटों से गुजरना नहीं पाए गए. निदेशालय द्वारा अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए देश के विभिन्न टोल गेटों से इन तारीखों में टोल पार करने की जानकारी जुटाना आरम्भ कर दिया है.
निदेशालय के अधिकारियों ने जयपुर में अपनी जांच में पाया कि जयपुर स्थित इन व्यापारियों ने अपने गौदाम भिवाड़ी में घोषित किए हुए हैं. इसकी तस्दीक के लिए निदेशालय की एक विशेष टीम गठित कर भिवाड़ी भेजी गई. वहां भी यह सभी पते फर्जी पाए गए. इनमें से एक फर्म के भिवाड़ी स्थित परिसर की जांच की गई. व्यापारी के द्वारा लगभग 6 करोड़ की राशि के रफ डाइमण्ड की बिक्री दर्शायी है. जबकि व्यापारी के द्वारा मुख्यतः लौहे से संबंधित माल की खरीद बिक्री की जाती है.
निदेशालय ने प्रथम दृष्टया में यह माना है कि इन सभी व्यापारियों द्वारा आपस में सर्कुलर ट्रेडिंग कर आईटीसी क्लेम के दुरूपयोग के उद्देश्य से सोची समझी रणनीति के तहत ये फर्जी खरीद-बिक्री दर्शाई गई है. यहां उल्लेखनीय तथ्य है कि यह सभी फर्में इन्ही नामों से दिल्ली राज्य में भी पंजीकृत हैं. निदेशालय के द्वारा जल्द ही अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए कार्यवाही की जाएगी.