गॉड ऑफ ऑनर के दौरान 1 नहीं, 2 नहीं, 22 जवानों की गोली हुई टांय-टांय फिस्स
(देवराज सिंह चौहान) पटना: पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा का अंतिम संस्कार सुपौल जिले के छातापुर प्रखंड स्थित बलुआ बाजार के पंचमुखी हनुमान मंदिर परिसर में किया गया. बुधवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार,उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी समेत बड़ी संख्या में राजनीती से जुड़े लोग, प्रशासनिक महकमा के पदाधिकारी और स्थानीय लोग उपस्थित हुए. नम आँखों से जगन्नाथ मिश्रा का अंतिम संस्कार किया गया लेकिन राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किये जाने को लेकर जवानों ने जब उन्हें राइफल से सलामी देनी चाहि तो ऐन मौके पर पुलिस का हथियार धोखा दे गया.
एक नहीं दो नहीं. पुरे 22 जवान जो उन्हें सलामी देनी चाही लेकिन बिहार पुलिस का राईफल टस से मस नहीं हुआ. जवानों ने पूरी कोशिश की वावजूद इसके गोलियां नहीं चली और ये सब हुआ राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की उपस्थिति में. जिले के तमाम वरीय पुलिस प्रशासन के पदाधिकारी मौजूद थे लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के सम्मान में सलामी देने की पुरी कोशिश के वावजूद बिहार पुलिस का राईफल साथ नहीं दिया.
पुलिस लाइन के सार्जेंट मेजर राजेश कुमार मण्डल ने भी आकर जवानों की समस्या जांनने की कोशिश की और राईफल-गोली का जायजा लिया लेकिन कोई तरकीब काम नहीं आयी और बिना पुलिस की गन से सलामी दिए अंत्येष्टि कार्य पूरा किया गया.
इस बाबत पूछे जाने पर जिला पुलिस सुपरिटेंडेंट मृत्युंजय चौधरी ने कुछ भी कहने से मना कर दिया जबकि पिपड़ा के आरजेडी विधायक यदुवंश प्रसाद यादव ने कहा कि ये अपमान की बात है. अब इस स्थिति को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं कि बिहार पुलिस क्या इसी हथियार के बुते अपराधियों से लोहा लेने का दम्भ भर्ती है.
विधि व्यवस्था की स्थिति लचर है और पुलिस आधुनिकीकरण को लेकर बड़े बड़े दावे किये जा रहे हैं ,मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी पुलिस आधुनिकीकरण को लेकर कई कदम उठाये हैं और उनके द्वारा भी सभी तरह की सुविधा देने की दावेदारी की जाती रही है लेकिन जिस तरह का दृश्य सुपौल के बलुआ बाजार में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्रा के अंत्येष्टि में देखने को मिला वो पुलिस का मनोबल गिराने वाला है और इसको लेकर जिले के कप्तान मुंह खोलने को तैयार नहीं हैं.