केमिस्ट सम्मान समारोह संपन्न
देवास। शनिवार रात अमरमोहिनी हाल में केमिस्ट साथियों द्वारा स्वागत एवम सम्मान समारोह आयोजित किया। जिन केमिस्ट साथियों तथा उनके परिजनों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में विशेष उपलब्धियाँ हासिल की है ,उनको इस गरिमामय कार्यक्रम में देवास शाजापुर क्षेत्र के सांसद महेन्द्र सिंह सोलंकी, वरिष्ठ केमिस्ट, पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष जयप्रकाश शास्त्री तथा कांग्रेस के शहर अध्यक्ष मनोज राजानी के मुख्य आतिथ्य में सम्मानित किया गया। खेल के क्षेत्र में जिला बास्केटबाल एसोसिएशन के सचिव संजय पाटिल के नेतृत्व में प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में देवास जिले के खिलाडिय़ों ने गोल्ड मेडल जीता ,एअर गन प्रतियोगिता में आशी दाभाड़े ने गोल्ड मेडल जीता शिक्षा के क्षेत्र में गोयल मेडिकल स्टोर्स के विजय गोयल की सुपत्री पँखुरी गोयल ने एम बी बी एस की डिग्री प्राप्त की,इसी प्रकार रघुनंदन समाधिया की सुपुत्री ने बी ए एमएस किया तथा सर्वोदय मेडिकल स्टोर्स सोनकच्छ के दिलीप मालू के सुपुत्र दीपेंद्र मालू के जज बनने पर तथा अन्य क्षेत्रों में भाजपा से कांकड़दा के सरपंच सुमेर सिंह नागर, हज कमेटी देवास में अध्यक्ष पद पर नियुक्त हाजी इरशाद शेख औऱ देवास क्लब के प्रतिष्ठा पूर्ण चुनाव में अध्यक्ष पद पर विजयी होने पर श्री श्रीकांत उपाध्याय तथा सह सचिव अशोक पटेल का आत्मीय स्वागत सम्मान किया गया। इस अवसर पर मनोज राजानी ने अपने उद्बोधन में सभी केमिस्ट साथियों की उपलब्धियों पर बधाई देते हुए कहा कि मंच पर हम दो विचार धारा के लोग बैठे हैं हमारे मत भेद हो सकतें है पर मन भेद नही है जब भी सांसद को देवास के विकास में सहयोग की जरूरत होगी में हर सम्भव सहयोग करूँगा। इसी प्रकार सांसद श्री सोलंकी ने भी आश्वस्त किया तथा कहा कि राजानी एवं हम पड़ोसी है हमारे मकानों के बीच सिर्फ एक सड़क मात्र है जो अलग अलग विचार धारा को परिलक्षित मात्र करती है। मैं भी पूरे संसदीय क्षेत्र के चहुँमुखी विकास के लिए कृत संकल्पित हूँ। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार तरुण मेहता,मोहन वर्मा सौरभ सचान, अरविंद त्रिवेदी के साथ बड़ी संख्या में पत्रकार साथी उपस्थित थे। केमिस्ट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष महेन्द्र उपाध्याय ,संजय शुक्ला, राजेश तलरेजा, राम मनवानी,आसिफ शेख,चुन्नीलाल पोहनी हाजी रफीक मोहम्मद राजेन्द्र रघुवंशी आदि कई केमिस्ट साथी उपस्थित थे।कार्यक्रम का संचालन अशोक पेशवानी ने तथा आभार देवकीनंदन समाधिया ने माना।