शासन द्वारा अवैध कालोनियों पर बेधानिक कार्यवाही के लिये दिए थे निर्देश
सारंगपुर। नगर एवं नगर के आसपास नगरीय सीमा में अवैध कालोनियों की बाढ़ आ रही है।प्रशासन पूरी तराह मौन है।नगर में एक दो कालोनियों को छोड़ कर सभी कालोनी अवैध है।जिनमें आवासीय मकान बन चुके है।तो कई कालोनियों में मुरम पत्थर डाल कर कालोनियों का स्वरूप दे दिया गया है।जह पर आने वाले दिनों में बसाहट होने वाली है ऐसे में शासन प्रशासन को करोड़ो रूपये की राजस्व हानि हो रही है।कालोनी के कानून अनुसार कॉलोनाइजर को कालोनी के लिये डायवर्शन एनओसी ग्राम नगर निवेश की स्वकृति,नगर पालिका विकास शुल्क सहित हरिजन आदिवासी बिकलांग के लिए दस प्रतिशत रियायती दरों के प्लाट सहित मनोरंजन के लिये पार्क मंदिर तथा सामुदायिक भवन विधुत पेयजलापूर्ति के लिए पाइप लाईन तथा पानी निकासी के समुचित इंतजाम करने के बाद ही कालोनी में प्लाट बेचे जा सकते है।किंतु नगर में एक दर्जन से अधिक कालोनी ऐसी है।जिनमें नियमो को ताक मे रख कर प्लाटो की बिक्री धडल्लाते से चल रही है।क्रेता स्वयं अवैध कॉलोनाइजर के जाल में फसकर अपने प्लाट को वैध कराने में नुजूल से लेकर नगर पालिका आदि के चक्कर काटता है।ऐसे में प्रशासन कोई ध्यान नही दे रहा है।शहर में कई कालोनियो में मकान बन चुके है।वह के निवासी मूलभूत सुविधा के लिये नगर पालिका को कोष रहे है।जबकि नगर पालिका का वह कोई काम नही है।क्योंकि कॉलोनाइजर द्वारा किसी भी प्रकार की स्वकृति नगर पालिका से नही ली गई।फिर भी नगर पालिका द्वारा मानवीय आधार पर कई अवैध कालोनियो में अपनी निधि से मूलभूत सुविधा उपलब्ध करा रही है।लेकिन प्रशासन को जरासा भी इस और ध्यान नही है।