एक तहसीलदार के भरोसे हजारों किसान
सारंगपुर। इन दिनों सभी विभागों में स्थांतरण का दौर जारी है।किंतु विगत एक फ़ख़्वाड़े से सारंगपुर में तहसीलदार का पद खाली पड़ा हुआ है।इस पद पर पचोर तहसीलदार निमिषा पांडे को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।वह भी नाममात्र काम चलाने के लिए पर्याप्त नही है क्योंकि तहसील टप्पा संडावता तथा तहसील टप्पा तलेन के भी पद रिक्त है।वह के कार्य को भी इनको देखना पड़ता है।कुल मिलाकर एक तहसीलदार के भरोसे पूरा अनुविभाग जिसमें सैकड़ो गांव के हजारों किसान शामिल है।बारिश के दिनों में किसानों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।किसान अपनी समस्याओं को लेकर तहसील कार्यालय आता है लेकिन वह अधिकारी नही मिलने पर मायूस होकर घर लौट जाता है।ऐसे में किसान आर्थिक एवं मानसिक रूप से परेशान होता है तथा उसकी संमस्या का भी निदान नही हो पाता है।जनचर्चा का विषय है की नामांतरण पंजी भी बिना किसी सूचना के बंद हो गई।जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ।क्या इस और ध्यान दिया जायेगा या युही चलता रहेगा।शासन द्वारा किसानों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये।ताकि किसानों को परेशान ना होना पड़े लेकिन आज भी कई किसानों के नामांतरण बंटवारा शेष है।तथा अपनी जमीन के मालिकाना हक से कागजो में बंचित है।इसका मुख्य कारण वेवजीसीआई सॉप्टवेयर है लेकिन उस और भी किसी का ध्यान नही है।अपनी जमीन की नकल में नाम चड़वाने के लिए अभी भी कई किसान पट्टे धारी चक्कर लगा रहे है।