भोपाल

अफसरों को ईमानदारी से काम करने दें, उन्हें कठपुतली न बनाकर रखें मुख्यमंत्री: गोपाल भार्गव

भोपाल। प्रदेश में पूरी तरह से अराजकता का वातावरण है। एक तरफ अधिकारी ईमानदारी से काम कर रहे हैं तो उन्हें पद से हटाकर उनके अंदर खौफ पैदा किया जा रहा है। दूसरी तरफ आरोपी अधिकारियों को संरक्षण देकर उन्हें पद से नहीं हटाया जा रहा है। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने अधिकारियों को कठपुतली बनाकर रख दिया है। जैसा वे चाहते हैं वैसा अफसर करते रहे तो वे पद पर बने रहेंगे। यह लोकतंत्र के लिए घातक है। ये बातें नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव ने कही।
नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश में नए डीजीपी को लेकर चल रही कवायद के बीच में सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि जब से प्रदेश में कमल नाथ जी की सरकार बनी है, तब से लेकर अब तक सिर्फ अधिकारियों को इधर से उधर करके तबादला उद्योग ही चलाया गया है। अधिकारी अपनी ईमानदारी और निष्ठा से काम कर रहे हैं तो उनके अंदर तबादले का खौफ पैदा किया जा रहा है। यह उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि डीजीपी व्हीके सिंह ने ईमानदारी से अपना काम किया और एक आईएएस अफसर पर कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री और सरकार को पत्र लिख दिया तो इससे मुख्यमंत्री नाराज हो गए। अब उन्हें पद से ही हटाया जा रहा है। दूसरी तरफ एएसआई को थप्पड़ मारने वाली कलेक्टर निधि निवेदिता पर आरोप सिद्ध होने के बाद भी उन्हें नहीं हटाया जा रहा है। सरकार लगातार आईपीएस अधिकारियों के तबादले पर तबादले कर रही है। अधिकारियों को ईमानदारी से काम ही नहीं करने दिया जा रहा है।
दो धड़ों में बांट दिया अधिकारियों को-
नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव ने कहा है कि मुख्यमंत्री कमल नाथ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के बीच में गहरी खाई पैदा करने में लगे हुए हैं। सरकार का काम होता है कि वे अधिकारियों के बीच में बेहतर माहौल बनाए और उनके बीच में संतुलन बनाकर रखें, लेकिन प्रदेश की कमल नाथ सरकार तो अधिकारियों को दो धड़ों में बांटने का काम कर रही है। ईमानदार अधिकारियों को काम नहीं करने दिया जा रहा है और भ्रष्ट व आरोपी अधिकारियों को संरक्षण देकर उनका हौसला बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डीजीपी व्हीके सिंह ने जब नियमानुसार एसआईटी का गठन किया तो सरकार इससे भी नाराज हो गई, जबकि एसआईटी का गठन करना पुलिस प्रशासन का ही काम है और डीजीपी ने यह काम नियमानुसार ही किया था, लेकिन यहां भी सरकार ने उनको नीचा दिखाया। इसके बाद एक आईएएस पर आरोप सिद्ध होने को लेकर पत्र लिखा तो यह भी मुख्यमंत्री को नागवार लगा और इसका खामियाजा अब डीजीपी को पद से हटकर चुकाना पड़ रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि मुख्यमंत्री डीजीपी व्हीके सिंह को पद से हटाकर उनके साथ न्याय नहीं कर रही है। ये एक अधिकारी की ईमानदार और बेदाग छवि पर कुठाराघात होगा। इससे पहले सरकार ने तत्कालीन डीजीपी ऋषिकुमार शुक्ला को भी हटा दिया था। आखिरकर सरकार के करीब सवा साल के कार्यकाल में दो-दो डीजीपी बदल देना, पुलिस अधिकारियों के हर दो माह से तबादला करना कहां का न्याय है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि सरकार अधिकारियों पर अपना रौब झाड़ने की बजाए उन्हें अपना काम ईमानदारी से करने दें।
लाॅ एंड आर्डर की स्थिति भी बिगड़ी-
नेता प्रतिपक्ष श्री भार्गव ने कहा है कि प्रदेश में लगातार पुलिस अधिकारियों के तबादला करने के कारण लाॅ एंड आर्डर की स्थिति भी बेहद चिंताजनक है। अधिकारियों को बार-बार पद से हटाने के कारण वे अपना काम बेहतर ढंग से नहीं कर पा रहे हैं। यही कारण है कि प्रदेश में क्राइम लगातार हो रहे हैं। सरकार प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को सुधारने की कोशिश करे यह ज्यादा बेहतर होगा।