मॉब लिंचिंग: कमलनाथ सरकार ने गठित की एसआईटी, मृतक के परिजनों को मुआवजा
इंदौर: (देवराज सिंह चौहान) मध्य प्रदेश के धार जिले में हुई मॉब लिंचिंग की घटना की जांच के लिए कमलनाथ सरकार ने एसआईटी गठित की है. मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने यह जानकारी दी. मंत्री सिलावट ने बताया कि इस घटना में मारे गए व्यक्ति के परिवार को दो लाख रुपए का मुआवजा दिए जाने का निर्णय भी लिया गया है.
आपको बता दें कि गत बुधवार को धार जिले के तिरला थाना क्षेत्र के खड़किया गांव में बच्चा चोरी का आरोप लगाते हुए हिंसक भीड़ ने 6 लोगों की बेहरमी से पिटाई कर दी थी. मॉब लिंचिंग की इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि 5 व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए थे. घायलों का उपचार इंदौर के एमवाय अस्पताल में चल रहा है.
घायलों से मिलने पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने मीडिया को बताया कि इस मामले में संदिग्ध आरोपियों के रूप में लगभग 40 लोगों की पहचान की गई है. जिसमें से 3 आरोपियों को पुलिस ने पकड़ भी लिया है. सिलावट ने कहा कि घटना में घायल लोगों का उपचार सरकार द्वारा कराया जाएगा.
उज्जैन जिले के लिंबा पिपलिया गांव के पांच खेत मालिकों ने खड़किया के अवतार सिंह, राजेश, जामसिंह, सुनील और महेश को मजदूरी के लिए रखा था. इनको खेत मालिकों ने 50-50 हजार रुपए एडवांस भी दिए थे. कुछ दिन मजदूरी के बाद ये लोग भाग गए. बकाया राशि लेने के लिए खेत मालिक जगदीश, नरेंद्र, विनोद और ड्राइवर गणेश दो कारों में सवार होकर बुधवार सुबह खड़किया पहुंचे थे.
ग्रामीणों ने पत्थरों से उन पर हमला कर दिया. ये सभी अपनी जान बचाकर मनावर के बोरलाय गांव पहुंचे. ग्रामीणों ने फोन कर गांव में अफवाह फैला दी कि ये सभी बच्चा चोरी कर भागे हैं. हाट बाजार होने से बोरलाय में काफी भीड़ थी. भीड़ ने इन सभी की गाड़ियां देखते ही लाठी और पत्थरों से उन पर हमला कर दिया.
करीब 500 से ज्यादा लोगों की भीड़ ने इन सभी को बेरहमी से पीटा. कार चालक गणेश (38) को बड़वानी रेफर किया गया, जहां उपचार के दौरान मौत हो गई. जगदीश (45), नरेंद्र (42), विनोद (43), रवि (38) को इंदौर के एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया है. रवि की हालत गंभीर बनी हुई है.