लाखों शब्दों को पीछे छोड़ OXFORD तक पहुंचा ‘संविधान’, मिला 2019 का सर्वश्रेष्ठ खिताब
नई दिल्ली: (देवराज सिंह चौहान) ‘संविधान’ को मंगलवार को वर्ष 2019 के लिए ऑक्सफोर्ड हिंदी वर्ड ऑफ द ईयर (एचडब्ल्यूओटीवाई) घोषित किया गया. संविधान का अर्थ ‘मूलभूत सिद्धांतों का निकाय या स्थापित दृष्टांत है, जिसके अनुसार एक राष्ट्र या अन्य संगठन शासित होते हैं. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस (ओयूपी) के एक बयान में कहा गया कि ऑक्सफोर्ड हिंदी वर्ड ऑफ द ईयर एक ऐसा शब्द या अभिव्यक्ति है जिसने बहुत अधिक ध्यान आकर्षित किया है और पिछले वर्ष के लोकाचार, मनोदशा या तल्लीनता को दर्शाता है. यह कांस्टिट्यूशन शब्द का हिंदी अनुवाद है.
हिंदी लैंग्वेज चैंपियन फॉर ऑक्सफोर्ड लैंग्वेजेज की कृतिका अग्रवाल ने कहा, “इस साल हिंदी वर्ड ऑफ द ईयर का उपयुक्त पसंद लोगों की मनोदशा को प्रदर्शित कर रही है, इसके साथ ही यह निर्णय निमार्ताओं का भी ध्यान केंद्रित करता है. संविधान देश की भावना का प्रतीक है और साल 2019 संविधान की भावना का गवाह था जिसे समाज के सभी वर्गों ने अपनाया. 2019 में संविधान एक अकादमिक अवधारणा से आंदोलन की तरफ बढ़ा.”
भारत का संविधान
भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था. संविधान सभा ने 2 साल, 11 महीने और 18 दिन में हमारे संविधान को तैयार किया था. संविधान सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे. जवाहरलाल नेहरू, डॉ भीमराव अंबेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे. ऑक्सफोर्ड के मुताबिक वर्ष 2019 में भारत के संविधान ने भारत के आम आदमी के लिए नए सिरे से महत्व प्राप्त किया. बीते साल संविधान के सिद्धांतों के प्रभाव को एक बड़े पैमाने पर महसूस किया गया.
फेसबुक पेज के माध्यम से मंगवाए जाते हैं शब्द
ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी टीम अपने फेसबुक पेज के माध्यम से वर्ष के सर्वश्रेष्ठ हिंदी शब्द के लिए हजारों आवेदन मंगवाती है. भारत की टीम भाषा के विशेषज्ञों के सलाहाकार पैनल की मदद से फिर इस शब्द का चयन करती है.