उज्जैन देश

अघोषित आपातकाल से गुजर रहा है प्रदेश – पारस जैन

उज्जैन /प्रदेश  के हालत बद से बदतर हो रहे हैं कहीं शांति पूर्ण प्रदर्शन करने वाले राष्ट्रवादियों पर लाठीया भांजी जा रही है तो कहीं एक मंत्री द्वारा एक सांसद का सार्वजनिक रूप से अपमानित किया जाता है !एक तरफ जहां राजनैतिक द्वेषता के चलते भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं पर बेवजह झूठे प्रकरण लादे जा रहे हैं वहीं कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को दोषी होने के बावजूद भी अभयदान दिया जा रहा है ! ये बात उज्जैन  उत्तर विधायक पारस जैन ने प्रदेश की वर्तमान कानून व्यवस्था पर चिंता जताते हुए कही !जैन ने प्रदेश सरकार की मंशा पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि सरकार प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने का आडंबर कर रही है वास्तव मे इसकी आड़ मे वो अपने राजनैतिक विरोधियों पर द्वेषतापूर्ण कार्यवाही कर उनकी आवाज़ कुचलने का प्रयास कर रही है ,जिसकी बानगी हाल ही मे  राजगढ़ और इंदौर की घटनाओं मे देखने को मिलती है !श्री जैन ने उपरोक्त घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा की ये विडम्बना है की इस प्रदेश मे राष्ट्रवादी लोग अब शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन भी नहीं कर सकते , जो लोग हाथों मे तिरंगा लिए प्रदर्शन कर रहे हैं उन पर हिंसक कार्यवाही की जा रही है , आला अधिकारियों द्वारा उन्हे लात घूंसो से पीटा जा रहा है !अधिकारियों के खिलाफ सारे साक्ष्य सोश्ल मीडिया पर मौजूद है बावजूद इसके दोषियों पर अब तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गयी है , इसके विपरीत अगर एक सामान्य व्यक्ति या भाजपा कार्यकर्ता होता तो अब तक बिना किसी साक्ष्य के उसे उठाकर जैल मे डाल दिया जाता जैन ने प्रदेश सरकार पर दमनकारी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा की प्रदेश सरकार अब प्रशासनिक तंत्र के माध्यम से अपने विरोधियों को दबाने की घृणित राजनीति पर उतारू हो गयी है जिसका शिकार प्रदेश का आम व्यक्ति भी हो रहा है ! जैन ने हाल ही मे हुई घटना का उल्लेख करते हुए कहा की जिस प्रकार प्रदर्शन के दौरान आमजन एवं भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बर्बरतापूर्ण कार्यवाही की गयी ,वो इस स्वर्णिम प्रदेश मे अँग्रेजी शासनकाल की याद दिलाती है ! जैन ने प्रदेश के वर्तमान हालात की चिंता करते हुए कहा की कानून व्यवस्था का हाल देखकर लगता है की प्रदेश मे अघोषित आपातकाल लागू है जहां किसी भी आम व्यक्ति या विपक्ष को अपनी बात कहने का अधिकार नहीं है अगर कोई सरकार के विरुद अपनी बात करता है तो उसकी आवाज़ को शासकीय तंत्र के माध्यम से कुचला जा रहा है ! जैन ने प्रदेश सरकार को आगाह करते हुए कहा की इस प्रकार की दमनकारी नीतियों को सहन नहीं किया जाएगा , प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ  को चाहिए की अविलंब दोषी अधिकारियों पर  सख्त से सख्त कार्यवाही कर उन्हे दंडित करें !