छुट्टी खत्म, 6 जनवरी से खुलेगा जामिया, स्टूडेंट्स को अफवाहों से बचने की सलाह
यूनिवर्सिटी ने स्टूडेंट्स को सलाह दी है कि वो सोशल मीडिया पर अफवाहों और गलत कम्यूनिकेशन से बचें. स्टूडेंट किसी भी भ्रम से बचने के लिए या अपने से जुड़ी किसी जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट (www.jmi.ac.in & www.jmicoe.in) पर नियमित रूप से जाएं.
जामिया मिलिया इस्लामिया 6 जनवरी 2020 को शीतकालीन अवकाश के बाद खुलने वाला है. यूनिवर्सिटी बचे हुए ऑड सेमेस्टर एग्जाम 9 जनवरी से आयोजित करेगी. इसमें से ज्यादातर पीजी कोर्सेस की परीक्षाएं हैं. वहीं यूजी कोर्सेस जी ज्यादातर परीक्षाएं 16 जनवरी 2020 से शुरू होंगी.
ऑड-सेमेस्टर एग्जाम में उपस्थित होने वाले छात्रों से कहा गया है कि यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट www.jmi.ac.in और www.jmicoe.in पर दी गई परीक्षा की निर्धारित तारीखों पर विश्वविद्यालय पहुंचें. विश्वविद्यालय ने पेरेंट्स से अनुरोध किया है कि वो अपने बच्चों को परीक्षा कार्यक्रम के अनुसार जरूर भेजें.
अफवाहों से बचें, देखें सिर्फ ऑफिशियल वेबसाइट
यूनिवर्सिटी ने स्टूडेंट्स को सलाह दी है कि वो सोशल मीडिया पर अफवाहों और गलत कम्यूनिकेशन से बचें. स्टूडेंट किसी भी भ्रम से बचने के लिए या अपने से जुड़ी किसी जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट (www.jmi.ac.in & www.jmicoe.in) पर नियमित रूप से जाएं. यहां दी गई जानकारी पर ही पूरी तरह भरोसा करें. यूनिवर्सिटी ने कहा है कि सभी फैकल्टी के आधार पर अगले सेमेस्टर का टीचिंग शेड्यूल भी जामिया वेबसाइट पर संकायवार अधिसूचित किया जाएगा. स्टूडेंट सभी जानकारी के लिए जामिया की आधिकारिक वेबसाइट ही देखें.
हेल्पलाइन पर करें फोन
परीक्षा कार्यक्रम से संबंधित किसी भी प्रश्न के लिए छात्र जामिया के हेल्प डेस्क नंबर 011-26981717 जिसका Extn. 1408 है पर फोन करें. इसके अलावा वो 7647989611 पर सुबह 10:00 बजे से शाम 5.00 बजे (सोमवार से शुक्रवार) तक कॉल कर सकते हैं. इसके अलावा गंभीर अस्पताल / मेडिकल ग्राउंड के मामलों को अलग से निपटाया जाएगा.
वहीं जामिया के बाहर बीते 20 दिन से नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है. इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र छात्राएं हिस्सा ले रहे हैं. बीते दिनों 16 दिसंबर को यूनिवर्सिटी लाइब्रेरी में हुए लाठीचार्ज की घटना के दौरान ही यूनिवर्सिटी ने छुट्टियां घोषित कर दी थीं. इसके बाद से रोजाना यहां की सड़क पर हजारों लोगों का मेला लगता है. ये सिलसिला सर्द रात में खुले आसमान के नीचे कायम है. इनमें की सभी उम्र के महिला-पुरुष, लड़के-लड़कियां, छात्र-कारोबारी, बुजुर्ग-जवान समेत बच्चे शामिल होते हैं. कुछ प्रदर्शनकारी देश के बाहर से भी पहुंचे हैं.