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ममता का ऐलान- मैंगलोर हिंसा में मारे गए युवकों के परिजनों को देंगी 5 लाख का मुआवजा

गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी मृतकों के परिवार को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देगी. ममता बनर्जी लगातार CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं और सरकार पर निशाना साध रही हैं.

  • बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का सरकार पर निशाना
  • CAA-NRC को बंगाल में लागू नहीं होने देंगे: ममता
  • मैंगलोर हिंसा में मारे गए प्रदर्शनकारियों को मिलेगा मुआवजा

नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ कर्नाटक के मैंगलोर में हुई हिंसा में मारे गए दो प्रदर्शनकारियों के मामले में लगातार राजनीति हो रही है. गुरुवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी मृतकों के परिवार को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देगी. ममता बनर्जी लगातार CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही हैं और सरकार पर निशाना साध रही हैं.

मैंगलोर की घटना पर ममता बनर्जी ने कहा कि तीन-चार दिन पहले कुछ लोग कर्नाटक में हुई हिंसा में मारे गए थे. आजादी के संघर्ष के बाद से अभी तक ऐसा नहीं हुआ, सिर्फ बीजेपी के राज में पुलिस फायरिंग में लोग मारे जा रहे हैं. अगर आप किसी को कुछ देना चाहते हैं, तो रोटी-कपड़ा-मकान दीजिए.

बता दें कि कर्नाटक के मैंगलोर में नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ हुई हिंसक प्रदर्शन के दौरान दो प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी. इस मुद्दे पर कर्नाटक में काफी बवाल हो रहा है, राज्य की बीजेपी सरकार ने इस मामले में जांच का आदेश दिया है.

CAA के खिलाफ ममता का हल्लाबोल

गुरुवार को ममता बनर्जी ने राजबाजार में कहा कि जब महात्मा गांधी ब्रिटिशों के खिलाफ लड़े तो शांतिपूर्ण तरीके से लड़े थे, आज बीजेपी सभी प्रदर्शनकारियों की आवाज़ को दबाना चाहती है. कल बीजेपी ने कहा कि हिंसा में शामिल किसी भी प्रदर्शनकारी की मदद नहीं की जाएगी. ये सिर्फ प्रदर्शन है, अगर हमारे अधिकार छीने जाएंगे तो हम लड़ेंगे.

ममता ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए हैं, जबतक CAA वापस नहीं होगा वो अपना प्रदर्शन वापस नहीं लेंगी. अगर युवाओं को वोट डालने का अधिकार है, तो फिर उन्हें प्रदर्शन करने का अधिकार क्यों नहीं है.

जीवनभर किया प्रदर्शन, जानती हुई उनकी भावनाएं

बंगाल की सीएम ने कहा कि वह प्रदर्शनकारियों की भावनाओं को समझती हैं, उन्होंने ने भी जीवनभर प्रदर्शन किए हैं. जब असम से 19 लाख लोगों को निकाला गया तो सबसे पहले हमारी टीम ही वहां गई थी. लखनऊ में भी टीएमसी के लोग गए थे, लेकिन उन्हें नहीं घुसने नहीं दिया.

ममता ने इस दौरान कहा कि मुझे अपनी माता की जन्मतिथि नहीं पता, वो कहां से थीं ये भी नहीं पता. जब मुझे नहीं पता तो आप कैसे लिखेंगे? पहले आधार कार्ड बनवाया, फिर कहा वो काम नहीं आएगा. उन्होंने कहा कि हम हर स्टूडेंट की लड़ाई को लड़ेंगे.

गौरतलब है कि ममता बनर्जी लगातार CAA-NRC  का विरोध कर रही हैं और इसके खिलाफ मार्च निकाल रही हैं. अभी तक वह इसके विरोध में आधा दर्जन से अधिक मार्च निकाल चुकी हैं और ऐलान कर चुकी हैं कि बंगाल में इन्हें लागू नहीं किया जाएगा.