मेक इन इंडिया पर बोले वायुसेना प्रमुख- इसमें अभी काम कम, बातें ज्यादा
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने कहा कि अभी ‘मेक इन इंडिया’ और स्वदेशीकरण योजना में लोग बातें बहुत कर रहे हैं. लेकिन इसकी गति बहुत धीमी है. हमारी मंशा बहुत अच्छी है लेकिन प्रैक्टिकली देखें तो काम बहुत धीमा है.
- मेक इन इंडिया और स्वदेशीकरण को लेकर बातें बहुत हो रही हैं
- डीआरडीओ, पीएसयू और निजी कंपनियों को प्रोत्साहित करना होगा
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने कहा कि अभी ‘मेक इन इंडिया’ और स्वदेशीकरण योजना में लोग बातें बहुत कर रहे हैं. लेकिन इसकी गति बहुत धीमी है. हमारी मंशा बहुत अच्छी है लेकिन प्रैक्टिकली देखें तो काम बहुत धीमा है. हर किसी को इस दिशा (स्वदेशी विकास) में काम करना है. हमने अपना समर्थन दिया है. डीआरडीओ को एक समयसीमा तय करनी है. सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (पीएसयू) को निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. वायुसेना प्रमुख एजेंडा आजतक के इंडिया फर्स्ट सेशन में बोल रहे थे.
एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने कहा कि मई 2020 तक चार राफेल विमान अंबाला आ जाएंगे. भारतीय वायुसेना अपने बाकी लड़ाकू विमानों को लगातार अपग्रेड कर रही है. जैसे ही ये सारे फाइटर जेट्स अपग्रेड हो जाएंगे हमारी वायुसेना बहुत ताकतवर हो जाएगी. क्योंकि राफेल और सुखोई-30MKI का कॉम्बिनेशन बेहद खतरनाक होगा. क्योंकि ये दोनों जब उड़ेंगे, तब दुश्मनों के होश उड़ जाएंगे.
एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने कहा कि लोग सोचते हैं कि राफेल आने से कैसे ताकत बढ़ेगी. लेकिन हमारे सारे लड़ाकू विमान अपग्रेड हो रहे हैं. हम राफेल और सुखोई-30 एमकेआई का बेहद खतरनाक लीथल कॉम्बिनेशन बना रहे हैं. इसी तरह चिनूक और अपाचे की ताकत भी हमारे पास है. अवाक्स और फ्लाइंग रीफ्यूलिंग की मात्रा बढ़ा रहे हैं.
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हमने सारे रडार जोड़ लिए हैं, अब पूरे देश की निगरानी संभव
वायुसेना प्रमुख भदौरिया ने कहा कि हमने पूरे देश के सारे रडार एकसाथ जोड़ लिए हैं. उनकी सही नेटवर्किंग कर ली है. इसकी वजह से हम पूरे देश की निगरानी कर सकते हैं. 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है. सरफेस टू एयर मिसाइल और आकाश सिस्टम आने से हमारी वायु रक्षा प्रणाली बेहद मजबूत हुई है.
10 सालों में हमारे पास अगले जेनरेशन के अत्याधुनिक विमान होंगे
एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने कहा कि अगले 10 सालों में जो भी योजनाएं हैं, उन्हें तेजी से पूरा कर रहे हैं. 40 एलसीए ऑर्डर कर रहे हैं. 83 एलसीए और ऑर्डर करेंगे. हमारे पास फाइटर एयरक्राफ्ट की संख्या तेजी से बढ़ेगी. इसके बाद एलसीए का मार्क-2 विमान लाएंगे. इनका भी निर्माण शुरू हो चुका है. डीआरडीओ मदद कर रहा है. रडार सिस्टम भी पूरी तरह से 6 से 8 सालों में स्वदेशी हो जाएंगे.
5वीं पीढ़ी के स्टेल्थ जेनरेशन फाइटर बनाने के प्रयास में हैंः वायुसेना प्रमुख
एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. डीआरडीओ की मदद से हम रडार और फाइटर जेट्स में स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर लगाएंगे. एयरफोर्स लगातार स्वदेशी विकास का पक्षधर रहा है. हम 5वीं पीढ़ी की स्टेल्थ फाइटर की तैयारी कर रहे हैं. 100 किमी से ज्यादा एयर-टू-एयर मिसाइल बनाने की तैयारी में हैं. लॉन्ग रेंज मिसाइल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शामिल करेंगे.
भविष्य मैन्ड और अनमैन्ड लड़ाकू विमानों के कॉम्बिनेशन का है
एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने कहा कि भारतीय वायुसेना भविष्य में लड़ाकू अनमैन्ड विमान बनाने की तैयारी में है. ये इंसानों द्वारा उड़ाए जाने वाले फाइटर जेट्स के साथ उड़ेंगे तो और खतरनाक साबित होंगे. साथ ही हाइपरसॉनिक विमान भी शामिल किए जाएंगे या हम इन्हें खुद बनाएंगे. आज की तारीख में कैपेबिलिटी बनाने में बहुत ज्यादा खर्च आता है. फेजवाइज होगा. धीमे-धीमे विकास होगा.
स्वदेशी आगे बढ़ाने के लिए सबको साथ आना होगा
एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने कहा कि हमें देश में ही फाइटर जेट बनाने हैं. स्वदेशी होने से पैसा बचता है. अगर अपने विमान बाहर जाएंगे तो पैसा आएगा. डीआरडीओ को आगे बढ़ना होगा. पीएसयू को तेजी से काम करना होगा. निजी कंपनियों को आगे आना होगा. ताकि स्वदेशी बढ़े.