उज्जैन देश

“राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं वाणिज्य शिक्षा का स्वरूप” : वाणिज्य अध्ययनशाला विक्रम विश्वविद्यालय में परिचर्चा आयोजित

 उज्जैन, 06 दिसम्बर 2019 । वाणिज्य अध्ययनशाला विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन – वाणिज्य संकाय से जुड़े पूर्वाग्रह के बावजूद भी अन्य संकायों की तुलना में पिछले कुछ दशको में इस संकाय की लोकप्रियता बहुत तेजी से बढ़ रही है । परिचर्चा प्रारंभ होने के पूर्व तीनो अतिथि वक्ताओं का परिचय एवं परिचर्चा विषय प्रवर्तन विभागाध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र मेहता ने किया। डॉ. मुकेश चंसोरिया ने परिचर्चा में अपने विचार व्यक्त करते हुए तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था, वाणिज्य करिअर के सुनहरे अवसरो के अतिरिक्त राष्ट्रीय शिक्षा नीति को स्वरोजगार के आयामो पर भी केन्द्रित रहने की अपेक्षा की। प्राचीन शिक्षा पद्धति का अपना अलग विशिष्ट चिंतन था। प्रस्तावित शिक्षा नीति में बहुआयामी विधाओं से जोड़ने का तथा कौशल विकास करने का उद्देश्य भी सन्निहित है। आज के वाणिज्य की युवा पीढ़ी को आव्हान करते हुए बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल के वाणिज्य विभाग के प्रो. डॉ. पवन मिश्रा  ने कहा कि वाणिज्यिक वाचनालयों की अवधारणा को पुनर्जीवित करना होगा। गूगल वेब स्त्रोतों के अतिरिक्त भी ई-बुक्स , डिजिटल वाचनालयों एवं स्वाध्याय के महत्व को भी शिक्षा नीति में समाहित करना होगा। सागर ग्रुप ऑफ प्रबन्धन संस्थान, भोपाल के डॉ मुकेश चंसौरिया ,शासकीय स्नातकोत्तर वाणिज्य महाविद्यालय, रतलाम वाणिज्य विभाग अध्यक्ष प्रो. आर. के. माथुर ने भी वाणिज्य अध्ययनशाला में विशिष्ट परिचर्चा श्रृंखला आयोजन में अपने सारगर्भित विचार व्यक्त किये। सफलयोगदान को भी आपने अपने सारगर्भित उदबोधन में व्यक्त किया।
परिचर्चा समापन करते हुए डॉ. माथुर ने कहा कि, जॉब मार्केट में प्रवेश के पूर्व वाणिज्य के छात्रों को अपनी रोजगार क्षमता में सुधार करने के लिए कई प्रकार के अवसर प्रदान करने के अलावा, आज के जीएसटी अवधारणा , आयकर नियमों, नित नवीन कर सुधारों / परिवर्तनों के चुनौतीपूर्ण व्यावसायिक वातावरण में छात्रों को प्रभावी ढंग से काम करने के लिए तैयार करने के लिए अपने अपने संकायो  के साथ साथ, उद्योग जगत शैक्षणिक अनुभव को  भी उपयोग में लाने के प्रयासों की सख्त आवश्यकता है। शब्दों से अतिथि परिचय कार्यक्रम रूपरेखा तथा स्वागत वाणिज्य अध्ययनशाला विभागाध्यक्ष डॉ धर्मेन्द्र मेहता ने किया। प्रारम्भ में पुष्पहारों से स्वागत वाणिज्य अध्ययनशाला की समस्त फैकल्टी मेंबर्स ने किया।  सत्र का संचालन डॉ. नेहा माथुर  ने किया। अंत में उपस्थितों के प्रति आभार प्रदर्शन विभागाध्यक्ष डॉ. मेहता ने किया।
इस अवसर पर  वाणिज्य अध्ययनशाला के शिक्षक डॉ आशीष मेहता, डॉ. नेहा माथुर, डॉ नयना दुबे,  डॉ. नागेश पाराशर, डॉ. कायनात तंवर, डॉ. रुचिका खंडेलवाल, डॉ.परिमिता सिंह तथा मुगीस खान, प्रवीण शर्मा, रूपेश सूर्यवंशी तथा अध्ययनशाला के विद्यार्थीगण भी उपस्थित थे।