उद्यानिकी फसलों में अच्छा भविष्य इसमें रकबा बढ़ाया जाये
‘शुद्ध के लिये युद्ध’ अभियान निरन्तर चलाया जाये
कृषि उत्पादन आयुक्त ने उद्यानिकी, पशुपालन एवं मत्स्य पालन विभाग की समीक्षा
उज्जैन।कृषि उत्पादन आयुक्त एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री प्रभांशु कमल ने बुधवार 23 अक्टूबर को अपराह्न में सिंहस्थ मेला कार्यालय के सभाकक्ष में उद्यानिकी, पशुपालन एवं मत्स्य पालन विभाग की समीक्षा कर निर्देश दिये कि उद्यानिकी फसलों में किसानों का अच्छा भविष्य है, इसलिये उद्यानिकी फसलों का रकबा बढ़ाया जाये, ताकि किसानों को और अधिक लाभ हो सके।
‘शुद्ध के लिये युद्ध’ अभियान निरन्तर जिलों में चलाया जाये, ताकि जनहानि न हो। मसाला फसलों पर किसानों को प्रोत्साहित किया जाये। जिलों में फल विस्तार, मसाला विस्तार आदि कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं, उनका शत-प्रतिशत दिये गये लक्ष्य को पूर्ति की जाये। इसी तरह औषधीय एवं सुगंधित फल क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम में वृद्धि की जाये। अनुसूचित जाति, जनजाति के किसानों को प्रोत्साहित कर उद्यानिकी फसलों में लक्ष्य निर्धारित किया जाये। अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त श्री प्रभांशु कमल ने बैठक में उद्यानिकी विभाग में चलाये जा रहे कार्यक्रमों एवं योजनाओं की विस्तार से जिलेवार समीक्षा कर सम्बन्धित जिला कलेक्टरों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि उज्जैन संभाग में अपार संभावनाएं हैं। संभाग में उद्यानिकी फसलों में स्कोप अच्छा है। कोल्ड स्टोरेज बढ़ाये जायें और उनकी क्वालिटी पर विशेष ध्यान दिया जाये। अपने-अपने जिलों में उद्यानिकी के क्षेत्र में क्या-क्या संभावनाएं हैं, इसकी रिपोर्ट भेजी जाये, ताकि नाबार्ड के माध्यम से और बेहतर कार्य किया जा सके। बैठक में यंत्रीकरण एवं
ड्रीप की मांग की जाये, ताकि उसकी समय पर पूर्ति की जा सके। बैठक में पशुपालन विभाग की योजनाओं एवं कार्यक्रमों की विस्तार से समीक्षा जिलेवार की। बैठक में अपर मुख्य सचिव पशुपालन विभाग श्री मनोज श्रीवास्तव ने पशुपालन के कार्यक्रमों एवं योजनाओं के बारे में पॉवर पाइन्ट प्रजेंटेशन के माध्यम से जानकारी देते हुए सम्बन्धितों को निर्देश दिये कि ‘शुद्ध के लिये युद्ध’ अभियान निरन्तर चलाया जाये। पशु कल्याण समिति के कार्यों की ब्लॉक स्तर पर मॉनीटरिंग की जाये। गौशालाओं की समीक्षा के दौरान उन्होंने कलेक्टरों को निर्देश दिये कि अपने-अपने जिले में 15 दिसम्बर तक गौशालाओं के निर्माण कार्यों को पूरा कर लिया जाये। मुख्यमंत्री गौसेवा योजना एक महत्वाकांक्षी योजना है। गौशालाओं के लिये लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं, उन्हें समय-सीमा में पूर्ण कर लिये जायें।
बैठक में निर्देश दिये कि प्रदेश में गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड है। गौशालाओं के लिये दान देने के लिये प्रचार-प्रसार किया जाये और इस कार्य में अधिकारीगण भी दान करने में आगे आयें। गौशालाओं के पूर्ण होने की जानकारी अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाये और इनका राजस्व खसरे में परिसम्पत्तियों को दर्ज किया जाये। बैठक में दूध डेयरी की समीक्षा की और निर्देश दिये कि दुग्ध सहकारी समितियों का अधिक से अधिक गठन किया जाये। इस पर जिला कलेक्टर विशेष ध्यान दें। बैठक में सर्वप्रथम उद्यानिकी विभाग की समीक्षा के दौरान जानकारी दी गई कि वर्ष 2018-19 में उज्जैन संभाग के समस्त जिलों में कृषक प्रशिक्षण सह भ्रमण योजना अन्तर्गत लक्ष्यों की शत- प्रतिशत पूर्ति कर ली गई है। संभाग में फल क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम, सब्जी क्षेत्र विस्ता र कार्यक्रम, मसाला क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम योजना में दिये गये लक्ष्य की पूर्ति निर्धारित समयावधि में पूर्ति करने के निर्देश सम्बन्धितों को दिये हैं। बैठक में बताया गया कि उज्जैन संभाग उद्यानिकी के क्षेत्र में अग्रणी है। संभाग का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 3355805 हेक्टेयर है, जिसमें उद्यानिकी फसलों का कुल रकबा 562073.79 हेक्टेयर आच्छादित है, जिसमें मसाला 259184.97 हेक्टेयर, सब्जी 150794.17 हेक्टेयर, फल 106166.34 हेक्टेयर, औषधीय 33818.44 हेक्टेयर एवं पुष्प का रकबा 12109.87 हेक्टेयर है, जो कि प्रदेश के कुल रकबे का 33.78 प्रतिशत है। संभाग की मुख्य फसलें सन्तरा, अमरूद, नींबू, आलू, प्याज, मटर, लहसुन, धनिया, अश्वगंधा, इसबगोल, सफेल मुसली, गेंदा एवं क्रायसेन्थिमम है। बैठक में उद्यानिकी विभाग के आयुक्त सह संचालक डॉ.एम कालीदुरई, संभागायुक्त श्री अजीत कुमार, एमपी एग्रो के एमडी श्री आलोक कुमार सिंह, सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, उज्जैन संभाग के सभी जिलो के कलेक्टर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं उद्यानिकी, पशुपालन एवं मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी मौजूद थे।