सीमा पर सैनिक जागते हैं तब देश चैन की नींद सोता है : जैन
उज्जैन। सैनिकों के त्याग, विषम परिस्थितियों में भी सतत, निर्बाध सेवाओं की तपस्या से ही हम चिंतामुक्त होकर निर्भीक जीवन जी रहे हैं। सीमा पर जब सैनिक जागते हैं, तब देश चैन की नींद सोता है। राष्ट्र की बाह्य सुरक्षा के सूत्रधार हमारे भारतीय सैनिक हैं। मैं संस्था की ओर से समस्त भारतीय सैनिकों व वीर शहीदों को नमन करता हूं और सैनिक सम्मान हेतु संस्था गीताश्रीधर को हृदय से कृतज्ञता ज्ञापित करता हूं।संस्था गीताश्रीधर धार्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक सेवा संस्थान उज्जैन द्वारा अमर शहीद भगतसिंह उद्यान, सिंहपुरी उज्जैन पर आयोजित दशहरा मिलन समारोह में 11 अक्टूबर को उक्त विचार मुख्य वक्ता के रूप में समाजसेवी संतोष जैन ने व्यक्त किये।संस्था सचिव रूपेश काबरा के अनुसार पटियाला (पंजाब) में तैनात सैनिक दिलीप परमार, कुपवाड़ा में तैनात सैनिक प्रदीप परमार, श्रीनगर में तैनात सैनिक रोहित परमार का संस्था की ओर से स्मृति चिन्ह व मिष्ठान्न भेंट कर तथा अंगवस्त्र पहनाकर सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन रूपेश काबरा ने किया। आभार सचिन परिहार ने माना।इसके पूर्व कार्यक्रम के आरंभ में अमर शहीद भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। पश्चात एक दूसरे को दशहरे की शुभकामनाएं देते हुए संस्था सदस्यों व गणमान्यजनों ने स्व में निहित एक बुराई को दूर करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम के सूत्रधार विकास खण्डेलवाल रहे।इस अवसर पर ओम कसेरा, पं. अरविंद उपाध्याय, संजीव खन्ना, महेश गुप्ता, गिरीराज चौरसिया, लोकेश जैन, सददाम शाह, संदीप चौरसिया, मयंक नामदेव, पीयूष काबरा, प्रकाश मालवीय, अंशुल शर्मा, अभिषेक नागर, वरूण पण्ड्या, प्रकाश परमार, कमलकिशोर गुप्ता, अजय गेहलोत, राजेश सोनी, सौरभ जैन आदि उपस्थित रहे।