शासकीय स्कूलों में पढ़ाई ठप्प
उज्जैन. प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ के बीच में जैसे तैसे परीक्षाएं आयोजित हुईं, परीक्षाओं के परिणाम भी चौंकाने वाले रहे. इन परिणामों की आंच शिक्षकों पर आए इससे पहले ही वो बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं. शिक्षक बार-बार चुनाव की ड्यूटी से परेशान हैं तो कभी विधानसभा तो कभी लोकसभा चुनाव का कार्य तो अब निकाय चुनावों से पहले बीएलओ की ड्यूटी.
प्रदेश में 72 हजार शिक्षकों की कमी
उक्त चेताक्नी देवेन्द्र माहेश्वरी जिलाध्यक्ष आजाद अध्यापक शिक्षक संघ उज्जैन ने देते हुए बताया कि प्रदेश भर के 22 हजार से ज्यादा शिक्षक निकाय चुनावों के लिए डोर-टूर सर्वे करने में जुटे हैं. निकाय चुनावों की आहट से पहले ही मतदाता सूची को दुरूस्त करने, नए मतदाताओं को जोड़ने और बाहर जा चुके मतदाताओं को हटाने का काम बड़े स्तर पर किया जा रहा है. इसके लिए ज्यादातर शिक्षक प्रदेश भर में लोगों के घर जाकर सर्वे कर मतदाता सूची को अपडेट करने में जुटे हैं. ऐसे में स्कूलों में पढ़ाई ठप पड़ी हुई है. प्रदेश में एक तरफ तो 72 हजार से ज्यादा शिक्षकों की कमी है, वहीं 22 हजार से ज्यादा स्कूल केवल एक शिक्षक के भरोसे हैं. ग्रामीण इलाकों में एक शिक्षक पर सारी कक्षाओं की जिम्मेदारी है. ऐसे में कुछ शिक्षक लंबे समय से प्रतिनियुक्ति पर हैं. बावजूद इसके शिक्षकों को निकाय चुनाव की तैयारियों में लगा दिया गया है.