देश

चुनाव में ‘आंसू’ निकलवा सकती है प्याज !

 प्याज की कीमतों में आए इस उछाल ने केंद्रसरकार के साथ ही राज्य सरकारों को भी चिंता में डाल दिया है। सबसे ज्यादा
चिंता में वे राज्य सरकारें हैं, जहां अगले माह विधानसभा चुनाव होना है।कई राज्यों के विधानसभा उपचुनाव भी अगले होने जा रहे हैं। महाराष्ट्र औरहरियाणा में अगले माह होने वाले विधानसभा चुनाव में प्याज की बढ़ी हुई कीमतें मतदाताओं को नाराज कर सकती है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने प्याज की कीमतों को नियंत्रित रखते के लिए कहीं प्रभावी कदम  उठाए है, ताकि प्याज की कीमतों में उछाल का असर चुनाव पर ना पढ़ सकें।सरकार इस कड़वी हकीकत सेभली-भांति वाकिफ है कि प्याज की कीमतों में उछाल से संपन्न वर्ग पर भले ही खास असर ना पड़े ,परंतु उन लोगो की मुसीबतों में इजाफा जरूर होगा जो केवल ब्याज के साथ रोटी खाकर अपना पेट भर लेते है। देश में  दो साल पहले प्याज की पैदावार इतनी अधिक हुई थी कि प्याज बाजार में दो रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकने की स्थिति आ गया था, फिर भी उसे खरीदने वाला कोई
नहीं था। आज वही प्याज 80 रुपये प्रति किलो से भी अधिक मूल्य पर कठिनाई से उपलब्ध हो पा रहा है। प्याज की कीमतों में आए उछाल से इसकी जमाखोरी शुरू हो गई है।केंद्र सरकार ने जमाखोरों के विरूद्ध कठोर कदम उठाने के लिए राज्यसरकारों को ताकीद किया है। बाजार में प्याज की उपलब्धता को बरकरार रखनेके लिए केंद्र सरकार ने और भी कई सख्त कदम उठाए,केंद्र सरकार ने सभी तरह के प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है। उपभोक्तामंत्रालय ने बांग्लादेश और श्रीलंका को न्यूनतम निर्यात मूल्य से भी कमदाम पर कथित निर्यात को तत्काल रोकने संबंधी सरकार के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार के आदेश को न मानने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्याज का खुदरा कारोबार करने वाले व्यापारी अब 100
क्विंटल से अधिक बफर स्टॉक नहीं रख सकेंगे। थोक व्यापारियों के यह सीमा 500 क्विंटल तय की गई है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने प्याज के कारोबारियों के लिए इसके बफर स्टॉक की सीमा तय करने का अधिकार राज्य सरकारों को सौप रखे थे, लेकिन प्याज की कीमतों में निरंतर आ रहे उछाल से चिंतित केंद्र सरकार ने इसकी सीमा स्वयं ही तय कर दी है। केंद्र सरकार की
चिंता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि सरकार ने पूरे देश में अपने बफर स्टॉक से 50 हजार टन करने का फैसला भी ले लिया है।