हनी ट्रैप गैंग लिपस्टिक और चश्मों पर फिट करता था कैमरा, ऐसे होती थी ब्लैकमेलिंग
(देवराज सिंह चौहान) नई दिल्ली: इंदौर का हनी ट्रैप मामला इन दिनों लगातार चर्चा में बना हुआ है. इस हाइप्रोफाइल केस में नेताओं से लेकर सरकारी अफसरों तक का नाम सामने आया है जिसके बाद से इस केस में रोज नए खुलासे हो रहे हैं. इसी बीच हनी ट्रैप गैंग से पूछताछ में हुआ बड़ा खुलासा है. इस गैंग की लीडर नेताओं और अफसरों के फोन टेप करा रही थी. सूत्रों से सामने आई खबर के मुताबिक बेंगलुरू की निजी कंपनी के जरिए नेता और अफसरों के फोन पर नजर रखी जा रही थी. इतना ही नहीं ब्लैकमेलिंग के लिए लिपस्टिक और चश्मों में कैमरे फिट किए जाते थे ताकि उससे विक्टिम के वीडियो बनाए जा सकें.
सूत्रों के मुताबिक बेंगलुरू की निजी कंपनी से साइबर सिक्योरिटी, साइबर फोरेंसिक और फोन सिक्योरिटी के काम सारे काम कराए गए. इतना ही नहीं चैटिंग, एसएमएस के साथ ही कॉल रिकॉर्ड भी कराए गए. इस मामले से जुड़े अफसरों की जानकारी हासिल करने में SIT पूरी तरह जुट गई है. हनी ट्रैप गैंग मोबाइल डेटा के जरिए अफसरों को ब्लैकमेल कर ठेके और नौकरियां दिलाने का काम करता था.
बता दें कि जांच कर रही टीम को गैंग से जुड़ी कई गुमनाम शिकायतें लगातार मिल रही हैं. शिकायतें SIT, पुलिस मुख्यालय और सीएम सचिवालय पहुंच रही हैं. हनी ट्रैप कांड की जांच कर रही एसआईटी (विशेष जांच दल) ने हर छोटे-बड़े शहर, व गांवों में फैले किरदारों तक पहुंचने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है और इसके लिए उसने एक ईमेल आईडी बना दी है, जिस पर कोई भी व्यक्ति कहीं से भी इस तरह के अनैतिक कारोबार में शामिल लोगों के बारे में जानकारी दे सकता है. हनीट्रैप कांड की जांच के लिए एसआईटी ने तेजी से काम करना शुरू कर दिया है. इस टीम के प्रमुख का कहना है कि जिसका अपराध पाया जाएगा, उसके नाम सामने आएंगे.