श्री उमा माता के विधिवत पूजन के साथ उमासांझी महोत्सव का शुभारंभ
उज्जैन। मालवा की लोक संस्कृति एवं परम्परानुसार श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिवर्ष उमा सॉझी महोत्सव मनाया जाता है। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी उमासॉझी महोत्सव का प्रारंभ श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में शासकीय पुजारी श्री घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में घटस्थापना व श्री उमामाता जी के विधिवत पूजन-अर्चन के साथ हुआ। श्री उमा माता जी की पूजन के पश्चात श्री घनश्याम शर्मा ने संझा मांडने वाले प्राचीन पत्थर व मॉ अन्नपूर्णा माता का भी पूजन किया व जवारे बोये गये। पूजन में प्रशासक श्री एस.एस. रावत, उपप्रशासक श्री आशुतोष गोस्वामी, कार्यालय अधीक्षक श्री उदैनिया, पं. राधेश्याम शास्त्री, पं. विश्वास करहाडकर, पं. सत्यनारायण जोशी, पं. लोकेन्द्र व्यास, पं. भूषण व्यास आदि पुजारी एवं पुरोहित उपस्थित थे। श्री उमा माता जी की प्रतिमा की स्थापना सभामंडप में वांछायन गणपति मंदिर में की गई है। जहॉ 28 सितम्बर तक सतत पूजन होगा तथा सभामंडप में माता पार्वती व श्री महाकाल के विग्रहों की झांकियॉ सजायी जायेंगी। सभा मंडप में दोपहर को पुजारी व पुरोहितों द्वारा प्राचीन पत्थर पर रंगोली द्वारा संझा बनायी गई। रंगोली पं. सत्यनारायण जोशी, पुजारी विजय शर्मा, पं. भूषण व्यास, पं. संदीप शर्मा, पं. शैलेन्द्र शर्मा आदि द्वारा बनाई गई। संझा की झांकी में श्री उमामाता जी को शेषनाग धारण कराया गया।
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबन्ध समिति द्वारा दोपहर 1 बजे मंदिर परिसर में नृसिंह मंदिर बरामदे में रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता दो वर्गों में आयोजित हुई, जिसमें कनिष्ठ वर्ग कक्षा 01 से 07 तक एवं वरिष्ठ वर्ग कक्षा 08 से 12 तक के प्रतियोगियों ने भाग लिया। कनिष्ठ वर्ग में प्रथम पुरस्कार कु. मनस्वी शोभाकार ने, द्वितीय पुरस्कार कु. गौरी नायक ने एवं तृतीय पुरस्कार कु. जान्हवी परमार ने प्राप्त किया। वरिष्ठ वर्ग में प्रथम पुरस्कार श्री मयंक परमार ने, द्वितीय पुरस्कार कु. विदिशा परमार ने एवं तृतीय पुरस्कार कु. किरण महेरे ने प्राप्त किया। रंगोली प्रतियोगिता के निर्णायक पं. भारत शर्मा, पं. विकास शर्मा थे।