अधिकारी नही दे रहे ध्यान कागजों में संचालित हो रहे आंगनवाड़ी केंद्र
सारंगपुर। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित आंगनवाड़ी केन्द्रों का इस समय भगवान ही मालिक है महिलाबाल विकास विभाग के माध्यम से प्रशासन द्वारा ननिहालो के स्वास्थ एवं शिक्षा तथा कुपोषित बच्चों के पुनर्वास एवं उन्हें सुपोषित करने का विडा उठाया है।ननिहालो के भविष्य के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से देशभर में आंगनवाड़ी केंद्र संचालित है उसी कड़ी में राजगढ़ जिले में भी आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हो रहे है।आंगनवाड़ी केन्द्रों में कुपोषीय बच्चों को सुपोषित करने के लिए कलेक्टर निधि निवेदिता एवं जिला परियोजना अधिकारी चन्द्रसेना भिड़े लगातार प्रयास रत है उनके द्वारा भी कुपोषित बच्चो को गोद लिया जा रहा है तथा अपने अधीनस्थ अमले को निर्देश जारी किए गए है कि समय पर आंगनवाड़ी केंद्र खुले तथा गांव हो या शहर कही भी कुपोषित बच्चें हो तो उन्हें सुपोषित कराने का काम करे लेकिन सारंगपुर परियोजना अधिकारी को बरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश से कोई लेना देना नही है सारंगपुर में पोषण पुनर्वास केंद्र में आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से बच्चों को सुपोषित करने के लिए भर्ती किया जाता है।किन्तु विगत दिनों पोषण पुनर्वास केंद्र में एक भी बच्चा भर्ती नही था पोषण पुनर्वास केंद्र द्वारा भर्ती बच्चों को सुपोषित करने के लिए तमाम प्रकार की सुविधा दी जा रही है लेकिन महिलाबाल विकास अधिकारी की मिली भगत या लापरवाही के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ आंगनवाड़ी केन्द्रों को छोड़ दिया जाये तो बाकी आंगनवाड़ी केंद्र कागजों में चल रहे है।इतना ही नही केन्द्रों में दर्ज बच्चों के मान से सांझा चूल्हा योजना के तहत स्वयं सहायता समूह को दी जाने वाली राशि एवं खाद्यान भी कैसे चल रहा है इसकी भी कोई जानकारी नही है मीटिंग के नाम पर पर्यवेक्षक एवं महिलाबाल विकास अधिकारी निश्चित दिनांक को अलग अलग सेक्टर में कार्यकर्ता को बुलाकर कागजों की पूर्ति करवा लेते है हद तो तब हो गई कि हमारे संवाददाता ने प्रभारी महिलाबाल विकास अधिकारी से सेक्टरों की जानकारी मांगी तो उन्होंने ऑपरेटर की बोलकर टाल दिया इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग के मुखिया को अपने ही विभाग की जानकारी नही है तो धरातल पर क्या हो रहा होगा।अब देखना यह है कि इस और बरिष्ठ अधिकारी क्या संज्ञान लेते है,,,,,?