खत्म हुई जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल, मानी गई सभी आठ मांगें
(देवराज सिंह चौहान) पटना: बिहार के सभी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के वजह से स्वास्थ्य सेवा चरमरा जाने के बाद स्वास्थ विभाग के नींद खुली. जूनियर डॉक्टरों को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने वार्ता के लिए बुलाया और लगभग दो घंटे की बातचीत में डॉक्टरों की आठ मांगों को सुना.
साथ ही पांच अक्टूबर तक स्वास्थ्य विभाग ने छह सदस्यीय टीम गठित कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश जारी किया है. टीम में शामिल पीएमसीएच अधीक्षक राजीव रंजन, विभाग के अपर सचिव कौशल किशोर, एनएमसीएच प्राचार्य वीके गुप्ता, पीएमसीएच प्राचार्य विद्यापति चौधरी, जेडीए अध्यछ एनएमसीएच रवि रंजन कुमार रमण और जेडीए अध्यछ शंकर भारती को टीम शामिल किया गया है.
वार्ता खत्म होने के बाद पीएमसीएच अधीक्षक कार्यालय में पीएमसीएच प्राचार्य, अधीक्षक, और जूनियर डॉक्टरो के साथ भी चर्चा की गई जिसमें अधीक्षक राजीव रंजन ने बताया कि जूनियर डॉक्टरो की मांगें जायज है और इसे पूरा कर दिया गया है. साथ ही पर्व-त्योहार के साथ बाढ़ की स्थिति के साथ आम जनता की समस्या को देखते हुए मांगें मान ली गई है. ये जनता के हित मे है.
वहीं, मांग मानने पर जूनियर डॉक्टर के अध्यछ शंकर भारती ने भी विभाग के प्रधान सचिव से हुए वार्ता को संतोषजनक बताया और पांच अक्टूबर तक गठित टीम को रिपोर्ट सौंपने की बात के कही है. इसके बाद सभी काम पर लौट गए हैं. साथ ही यह साफ किया है अगर पांच अक्टूबर के बाद भी मांगों को पूरा नहीं किया जायगा तो फिर से हड़ताल किया जाएगा.