ग्राहक को मानसिक रूप से प्रताडि़त करने पर उपभोक्ता फोरम ने बैंक पर लगाया जुर्माना
देवास। अपने ग्राहक को संतोषजनक सेवा न देकर उसे मानसिक रूप से प्रताडि़त करने के एक मामले में देवास में उपभोक्ता फोरम ने प्रकरण में बैंक को अपने ग्राहकों के साथ सेवा सुधारने के निर्देशों के साथ जुर्माना लगाया है । देवास में नर्मदा झाबुआ बैंक गोया स्थित ब्रांच की एक ग्राहक श्रीमती अनिता चव्हाण ने अपने बेटे की ट्यूशन की छह हजार रुपयों की फीस जमा करने के लिए एक चेक जारी किया जो खाते में पर्याप्त से अधिक राशि होने के बावजूद बैंक ने रेफर तो ड्रावर होने के नाम पर खारिज कर दिया जिसकी सूचना ग्राहक को महीनों बाद मिली । जब श्रीमती चव्हाण ने इस मामले में बैंक में पूछताछ की तो उन्हें न तो संबंधित अधिकारी से और न ही उच्च अधिकारियों से कोई संतोषजनक जवाब मिला । लगातार फॉलोअप के बाद ग्राहक को अपने खाते का रिकार्ड दिखने से पता चला कि उसमें से बैंक द्वारा राशि डेबिट और क्रेडिट की गई है तथा उसका शुल्क भी उनके खाते से काटा गया है। जब इस मामले में संबंधित अधिकारी से पूछताछ की गई तो अपनी गलती स्वीकार न करते हुए कहा कि आपको चेक जारी करने से पहले हमसे पूछना चाहिए । थक हारकर श्रीमती चव्हाण ने सारे मामले से उपभोक्ता फोरम के अधिकारियों को अवगत करवाते हुए इसे ग्राहक के रूप में उनके साथ मानसिक प्रताडऩा बताया और उचित मार्गदर्शन हेतु आवेदन दिया । श्रीमती अनिता चव्हाण के अभिभाषक मुकुल लोनकर ने जानकारी देते हुए बताया कि इस पर उपभोक्ता फोरम ने इसे ग्राहकों की सेवा में त्रुटि और बैंक की लापरवाही मानकर सेवा में सुधार के निर्देशों के साथ नर्मदा झाबुआ बैंक पर दो हज़ार रुपयों का जुर्माना लगाकर ग्राहक को क्षतिपूर्ति भुगतान का आदेश दिया ।