आखिर इन गायों का कसूर क्या है
सारंगपुर। मप्र शासन द्वारा अपने बचन पत्र में गायों की सुरक्षा के लिए प्रत्येक विकास खंड में गौशाला खोलने का निर्णय किया था तथा जहां गौशाला है वह पर स्वतंत्र रूप से घूम रही गायों को रखने के निर्देश प्रदेश के सभी कलेक्टर को जारी किए थे। आदेश के पालन में राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता ने मप्र में सबसे पहले राजगढ़ जिले में गौवंश की रक्षा के लिए सम्बंधित विभाग एवं राजस्व अमले को निर्देश जारी किये थे।कि जिले की सभी पंजीकृत गौशालाओं का भौतिक सत्यापन कर छमता के अनुरूप उन में स्वतंत्र रूप से घूम रही गायों को रखा जाये तथा जह गौशाला नही है वह आस्थाई गौशाला बनाकर गौवंश रखें।किसी भी सूरत में सड़क पर गौवंश घूमता नही पाया जाए। क्योंकि आये दिन सड़क दुर्घटना में गाय मर रही थी।कलेक्टर के इस फरमान को जिले की सभी नगर पालिका नगर पंचायत तथा स्थानीय पशु चिकित्सक डॉ अमित शाक्य ने भी अपने अमले के साथ गांव गांव जाकर बीमार गौवंश का लगातार इलाज किया जा रहा किंतु। ग्राम पंचायत एवं राजस्व अमले ने पालन करना प्रारम्भ कर दिया।इसी के तहत कपिलेश्वर गौशाला सारंगपुर में नगर पालिका द्वारा स्वतंत्र रूप से घूम रही गायों को छोड़ा गया।किन्तु दूसरे दिन ही गौशाला से उन गायों को बाहर कर दिया गया।तब नगर पालिका एवं राजस्व विभाग ने संयुक्त रूप से नगर की गायों को स्थानीय कृषि उपज मंडी प्रांगण में रखा गया और उनको खाने पीने के लिए कुछ ब्यवस्था भी की लेकिन उक्त ब्यवस्था स्थाई नही होने तथा लगातार पानी गिरने के कारण गाय प्रभावित हो रही है।शनिवार को एक व्रद्ध गाय अत्यधिक पानी गिरने के कारण काल के गाल में समा गई।लेकिन उन गायों को अगर गौशाला पहुचा दिया जाये तो सुरक्षित रह सकती है।क्योंकि वह प्रयाप्त स्थान है और कपिलेश्वर तीर्थ क्षेत्र में गौशाला होने से गौभक्त और दान दाता भी उनका ध्यान रख सकते है किन्तु गौशाला प्रबंधन की लापरवाही कहें या अनदेखी के चलते गौशाला की जगह गायों को प्रशासन द्वारा आस्थाई गौशाला में रखा गया है।प्रशासन भी इनके सामने बोना साबित हो रहा है।जबकि गौशाला शासकीय भूमि पर होकर शासकीय धन से ही बनी हुई है।फिर भी प्रशासन मौन क्यों है।
आखिर इन गायों का कसूर क्या है
क्षेत्र में लगातार गाय स्वतंत्र रूप से घूम रही है और किसान उन्हें मार ठोक कर भगा रहे गाय अपना सुरक्षित ठिकाना ढुंड कर सड़को पर आ जाती है वह उनको कोई वाहन चालक अनदेखी के चलते घायल कर जाता है और कोई कोई उन्हें जान से भी मार देता।विगत दिनों राजगढ़ जिले में सड़क दुर्घटना में कई गाय काल के गाल में समा गई है गायों की मौत से कलेक्टर बहुत दुःखी है उनके द्वारा गायों की रक्षा करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है किंतु जिले के पशु चिकित्सक को इतना भी नही मालूम है कि जिले में कहा कितनी गौशाला है और उनकी गाय रखने की छमता क्या है ऐसे में तो इस विभाग का तो भगवान ही मालिक है और बेसहारा गायों की रक्षा सारंगपुर पशु चिकित्सक,नपा एवं राजस्व विभाग के हवाले छोड़ दी गई है।